अलंकार - पीयूष | Alankar Piyush

Alankar Piyush  by Pt. Ramshankar Shukk ' Rasal '

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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हा ३ काव्यालंकार का विषय शास्त्र है या कला ? इसके प्रथम कि हम इस विषय के इन दो रूपों पर विचार करें हमें प्रथम यह जान लेना चाहिये कि शास्त्र विज्ञान घ्यौर कला हैं क्या । शास्त्र या विज्ञान हमें किसी विषय का ज्ञान कराता है श्र कला हमें कुछ करना सिखाती है झ्र्थात्‌ शास्त्र का सम्बन्ध मन से है झ्ौर कला का कार्य से । शास्त्र किसी विषय का येाक्तिक- क्रमपूण ज्ञान है जा तद्विघय-सम्बन्धी घ्नेकानेक बातों के निरीक्षण से प्राप्त होता है । किसी विषय की बिखरी इुई बातों में से प्रत्येक का निरीक्षण करके उसके ब्याधार पर सब परिणामें। की समध्रि पर विचार एवं विवेचना के द्वारा व्यापक नियमें। की कदपना करना विज्ञान या शास्त्र का काय॑ है अतः शास्त्रीय ज्ञान व्यापक घ्योर साधारण होता है । उन व्यापक नियमें के जा अनेकों बिखरी हुई बातों पर जिनके एकजित करके झोर जिनका निरीक्षण एवं अध्ययन करके व्यापक नियम बनाये जाते हैं लागू या घटित होते हैं सिद्धान्त या नियम कहते हैं ।




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