संस्कृति का दार्शनिक विवेचन | Sanskrti Ka Darshanik Vivechan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
17 MB
कुल पष्ठ :
468
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)गो यह मतन्भ्च -- प्रज ॐ >~ न प्राचीन > दमो +र क এলে ~
का यदं मत्न हगिज नहीं कि हमें प्राचीन देसो जौर विचारक कौ उप
करनी चाहिए, या उनसे हमे कुछ नहीं सीसना है। झाज के मनप्य की सासद्तिक
स्थिति उतनी नाजक है कि उसे, उप्योगी जीवन-विवेक प्राप्य फरने के दिये, मानय-
अतीत के समस्त सचित बोव की সাললালা ই ॥ শান यद्र ६ কি चहु) मनने
प्रति मे सम्बन्धित चान के सेत्र मे जाज झा মনত হল তান অত गया >, चद जार्म-
जाने पर्पाग अपनी जीवन-सभावनाओं हे দস নং উললটি জাললাহী হল অলিয় আলা
2, নম सन्देह किया जा सकता है। पिछले ইলা লাল वर्षो में सादव-प्रकति णौर
उसी प्रेर फ प्रवत्तियों बुत कुछ वही रही है. भले ही उनकी जनिव्यटित के लप उमिय
जटिल यर विस्तत हो गये हो । मना के सुस-दुप वे লিকার লু নী নললঃ बरी
हैं । यही कारण है वि हम जाज़ भी न फैवल प्रानीन साहिल्यिद दकत्तिपों झसे नमा
এগ और एलियउ'', 'मिप्रदूत” जौर विदा सवा मे रस ले पाते /, बरित रोडिल्द
गुकाचाय॑, भीष्म जादि नीति-विशारदों वी शिक्षा से द्यनान्यित नी हेतेहे । निष्पद
यह कि हमे प्राचीन मनास, चीन, फारस जादि देशों की सरप्॒तियों दा শীনু লাল
লাতিন बरना चाहिए। हमे भारत, चीन जादि की प्राचीन सरकृतियों का वेखबत
उइसीलिये तिरस्फार नहीं करना चाहिए कि जाज वे देश राप्ट्रो के खीच नेतृत्व के पद प०
नरी हं । विशेषत हमे विनदन्न भाव से इन प्राचीन देशो जी आध्यात्मिक (10९1 8191% |
प्रम्पराओं को टृसंगमस करने का प्रयत्न लगना चाहिए । प्रस्तुत सेयक शो
তল बात की प्रसजाता है छि बा शाध्यात्मित्त साथना के प्रति एस भागत्मा
दृष्दिकोग विशतित र चर)
था के भारतीयों की एश बात विशय माप से साद पयनी चाहिए - 7मारी दतभमार
নল का माय छौर मह्याजन व हुमा झाचीन यरोेदर के झाबार पर नहीं वियः
जायया, रं थाने के लिये देपगा होगा दि कुमारी মালি লিলি যা 21
सन्झति मइत विधिप्द जिशओं हा सास है, লাল লী উল লিনালিলা জী হাটি
न ~ (=; ~+ ভি পি ~ নল এটা न्न ए > =¬ জা পা তো ১
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ভিত हो है, रवि क्षाय 7मगे सरिय वियारा, शरप - पैर লীলা লি उत वि
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का शाप, नही है, दो हम पपनी समस्च यरोजहर না মারিও শিলা নটি বলনা পিক ।
नस्तुवं नम ममृत प्रानोन शकष दौ से तभी गन्त भैर नम दरों =
মল দাত প্রিঙ্বাতহানিল छोर টিলা শোহাহীালা নি 2८3
हमारे पामे बएने और दूसरे देशों ऐ बीच धून रलानि गरस ननन न
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