ग़ालिब | Galib
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
11 MB
कुल पष्ठ :
522
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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गालिव
गालिबकी रचनाएँ २५५-२६६
[ फारसी पद्य ॒कुल्लियाते नज्म फारमी, अब्े गृहरवार, सबदे-
चीन, सवद वागे दोदर, दुमाए सवाह । फारसी गद्य प्रच
आहग, मेध नीमरो ज, दस्तवू, कुत्लियाते नखर, कातय बुरहान,
दुरक्श कावयानी, मआमिर गालव, मुतफरकाते गालिवि ।
उद्र पद्य दीवाने गालिव, नुस्ख हमीदिय , अर्जी-मम्पादित
दीवाने गालिब । उद्द गद्य ऊदे हिन्दी, उर्दृए मुअल्ला, मकातीवे
गालिव, नादिराते गालिब, खुतूतें गालिब, नकाते गालिव,
नामए गालिव ]
गालिबका फाव्य--१ विकास-रेखा २६७-२८३
[ इन आलोचनाओमे प्रकाश उतना नही जितना अन्बकार है, यह
अन्धपूजा, प्रारम्भिक कान्य बेदिलका प्रभाव, कृत्रिमताका
भाधिक्य, खूबसूरत लाशानी कविता, इस जगलमे प्राणोन्मादक
फूल भी है, भावीकी झलक । भध्ययुगका काव्य उर्फी और
नज़ीरीका रग, ज्योतिर्मयी कल्पना, सशोधनकी कलाका
निखार । प्रौ ढयुगका काव्य হাকন ओर सौन्दर्थकी पराकाष्ठा ।
उत्तरक्ालिक काव्य ]
गालिबफा काव्य--रे लोकप्रियताका रहस्य ˆ“ ` २८४-२६०
[ उदका सवसे जिन्दा शाद्र, विविधताका कवि, राह्म
चलते चलो, अनेक रूपरूपाय, भनेक शैलियाँ, गहरी मानवीय
अपील, ]
गालिबका फाव्य--३ प्रेम श्रौर सौन्दयं *** *** २६१-३०७
[ प्रेम जीवनका उत्म है, फारसी कान्यकी जमीन, प्रेमीकी मुसी-
वते, ईरानका गुल ह, भारतका कमल नही, आंख भौर दिलका
खेल, दृष्टि सौन्दर्यका आंघान है, लक्ज़तपरस्ती, उपासनापूर्ण
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dpagrawal24
at 2020-05-15 03:51:10"Author's Name"