ग़ालिब | Galib

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Gralib by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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१४ गालिव गालिबकी रचनाएँ २५५-२६६ [ फारसी पद्य ॒कुल्लियाते नज्म फारमी, अब्े गृहरवार, सबदे- चीन, सवद वागे दोदर, दुमाए सवाह । फारसी गद्य प्रच आहग, मेध नीमरो ज, दस्तवू, कुत्लियाते नखर, कातय बुरहान, दुरक्श कावयानी, मआमिर गालव, मुतफरकाते गालिवि । उद्र पद्य दीवाने गालिव, नुस्ख हमीदिय , अर्जी-मम्पादित दीवाने गालिब । उद्द गद्य ऊदे हिन्दी, उर्दृए मुअल्ला, मकातीवे गालिव, नादिराते गालिब, खुतूतें गालिब, नकाते गालिव, नामए गालिव ] गालिबका फाव्य--१ विकास-रेखा २६७-२८३ [ इन आलोचनाओमे प्रकाश उतना नही जितना अन्बकार है, यह अन्धपूजा, प्रारम्भिक कान्य बेदिलका प्रभाव, कृत्रिमताका भाधिक्य, खूबसूरत लाशानी कविता, इस जगलमे प्राणोन्मादक फूल भी है, भावीकी झलक । भध्ययुगका काव्य उर्फी और नज़ीरीका रग, ज्योतिर्मयी कल्पना, सशोधनकी कलाका निखार । प्रौ ढयुगका काव्य হাকন ओर सौन्दर्थकी पराकाष्ठा । उत्तरक्ालिक काव्य ] गालिबफा काव्य--रे लोकप्रियताका रहस्य ˆ“ ` २८४-२६० [ उदका सवसे जिन्दा शाद्र, विविधताका कवि, राह्म चलते चलो, अनेक रूपरूपाय, भनेक शैलियाँ, गहरी मानवीय अपील, ] गालिबका फाव्य--३ प्रेम श्रौर सौन्दयं *** *** २६१-३०७ [ प्रेम जीवनका उत्म है, फारसी कान्यकी जमीन, प्रेमीकी मुसी- वते, ईरानका गुल ह, भारतका कमल नही, आंख भौर दिलका खेल, दृष्टि सौन्दर्यका आंघान है, लक्ज़तपरस्ती, उपासनापूर्ण




User Reviews

  • dpagrawal24

    at 2020-05-15 03:51:10
    Rated : 8 out of 10 stars.
    "Author's Name"
    The author of this book is Ramnath 'Suman'. Please revise the entry.
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