जन्म और जीवन | Janm Or Jivan

Janm Or Jivan by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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सच्चा जीवन आत्मोन्नति का साधन পাপা পা পা শা পা শাসন পাপা পা পপ ~~~ नी लतचिजीजीजी नी नी শর পর্ণ পর পাপ পপ শী পাপী পাপা ने सच्चा' जीवन और ऊंचा लक्ष्य ही आत्मोन्नति का एकमात्र साधन है । मनुष्य का लक्ष्य हो ऊंचा और नियत साफ हो तो फिर आत्म-प्राप्ति मे कोई रुकावट खड़ी नही हो सकती । मनुष्य का लक्ष्य तो है ऊंचा किन्तु नीयत साफ नहीं, न साधन ही ठीक है, तो लक्ष्य की प्राप्ति नहीं होगी । उदाहरण के लिये, मनुष्य का लक्ष्य हो करोडपति बनने का, किन्तु वह बेच रहा है वाजार में भूने हुए चने, तो वह करोडपति का लक्ष्य रखते हुए भी साधन- हीन होने के कारण करोडपति नही वनं सकता । उसे करोडपति वनने के ल्एि समयान्‌क्‌ल उच्च साधन अपनाने होगे । एक मनुष्य का साधन तो है उत्तम, परन्तु उसका लक्ष्य कुछ नही, तो वह भी लक्ष्य की प्राप्ति नही कर पाता । हरिद्वार में मुझे एक सुन्दर व स्वस्थ किशोर मिला, जिसे गीता कंठस्थ थी | वह एलोकों का बहुत ही शुद्ध उच्चारण करता हुआ गीता-पाठ कर रहा था । साधन विता साध्य केसा? मेने उससे पूछा कि यह सव पढकर तुम क्या करोगे ?




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