इतनी परेशानी क्यों | Itani Pareshani Kyon

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Itani Pareshani Kyon by श्रीमन्नारायण - Shreemannanarayan

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about श्रीमन्नारायण - Shreemannanarayan

Add Infomation AboutShreemannanarayan

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
অনু की बूद १५ साजमंहल का निर्माण करवाया, जो न जाने कितने कवियो और कहछा+ कारो को प्रेरणा और स्फूर्ति देता रहा है, और आज भी देता है । उस- ने दुनिया के कोने-कोने से लोगो को अपनी खूबसूरती से खीचा है । वह और कितनी सदियो तक दुनिया को शाहजहां और मृमताज की दुख-भरी प्रेम-कहानी की याद दिलाता रहेगा, कौन जाने । पर समय के सदा बढते हुए कदम के नीचे कुचल जाने से बचने का शाहजहा ने एक भगीरथ प्रयत्त किया, इससे कौन इन्कार कर सकता है ? आज भी विभिन्‍न देशो के राजा अपना नाम कायम रखने के लिए आलीशान महरू बनवाते हैं। धनी छोग दान देकर ऐसी सस्थाओ का निर्माण -कराना चाहते है, जो उनकी कीरति को हमेशा फैलाती रहे। केवि और लेखक ऐसी कृतियों को जन्म देने का सतत प्रयत्न करते है, जो उनके नाम को सदियो तक दुनिया मे रोशन करती रहे। शिल्पी ओर कलाकार एसी कहूापूर्ण कारीगरी दर्शाना चाहते है, जो उनकी स्मृति और कला को अमर बना दे। राजनीतिज्ञ देश मे ऐसी उथरू-पुथलू मचा देने की कोशिश करते हैं, जो इतिहास मे उनका नाम अमिट अक्षरों में लिखा दे । और वैचारे आम इसानो की यही तमन्ना रहती है कि उनकी फु्ते कायम रहै, ताकि उनका वज न डूबे । उनकी क्रन्न पर नाम लिखा रहे और जो लोग कब्रिस्तान मे किसी वक्‍त आवे, वे उनका नाम ही पटकर उनकी याद कर ले । फिर भी न जाने वेचारे कितने गरोबो को कन्ने भी नसीब नहीं होती और उनका नाम-निशान ही इस दुनिया से हमेशा के लिए उठ जाता है | न जाने कितने फूल ब्रिना खिले ही मुरझ्ञा जाते है और उनकी हस्ती सदा के लिए मिट जाती है। पौराणिक साहित्य मे समुद्र-मथन का वर्णन काफी रोचक है । उस का ठीक क्या अथं जगाया जाता है, मू पता नही 1 शायद कोई रूपक ही होगा! परै तो इस समुद्रमथन को मनुष्य के हृदय-मथन के ही रूप मे देखता हू । जो रत्न उस मथन के बाद बाहर निकले, वे केवल मनुष्य कौ आन्तरिक भावनामौ गौर अकाक्षामो के प्रतीक है 1 अमरत्व को भावना मनुष्य मे शुरू से ही रही है और उसी कामना का अतीक अमृत है। जिन देवो ने उस अमृत्त का पान किया, वे अमर हो गये ।




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now