हिन्दी-निरुक्त | Hindi Nirukt
श्रेणी : कहानियाँ / Stories, साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
88.26 MB
कुल पष्ठ :
1309
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about पण्डित सीताराम शास्त्री - Pandit Sitaram Shastri
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)हिन्दी लिरुक । १५ नासाख्याते चोपसगनिपाताथ इस क्रमसे कहा है । म्राख्यात का लक्षण । प्तल्लेतनज्ञामाखर्यातयों लक्षण प्रदिशन्ति माधयधधान-साख्यातसू । क आख्यात जो पचति पठति इत्यादि क्रिया रूप है उस में दब्य और क्रिया दो अथ रहते हैं । जेसे- पचति मे पार और पकानेवाला तथा पठति मे पढ़ना और प्रढनेवाला । यहां पाक ओर पढ़ना क्रियाए हैं और पाक करनेवाला तय पढ़नेवाला पुरुष आदि द्रव्य होता है। इन दोनों में क्रिया या भाव प्रधान विशेष्य होता है और दुब्य अप्रधान या चिशेषण होता है। इसीसे आख्यातकों भाव-प्रधान कहते है और यह भाव-प्रघानताही उसका लक्षण या पहिचान हु । अर्थात् जहां इस प्रकारसे भाव-प्रधानता होगी वह आख्यात होगा | ्ाख्यायते प्रधानभावेन क्रिया भाव गौोणत्वेन द्रव्य॑ च य्च तदाख्यातसू । ख जिस पदमें गौण भावसे क्रिया और उस पर प्रधान मावसे भाव कहा जावे उसकों आख्यात कहते हैं। इस मतमें पूर्व मतसे यह विशेष है कि-उसमें कारक या द्ब्यकी अपेक्षो से भावकी प्राघनता है और इसमें क्रियाकी अपेक्षा से भावकी प्रधा- नता है । पूर्व मतमें क्रिया और मावका अमेद है और यहां भेद है। क्रिया नाम व्यापारका है वह सदा ही परिच्छिन्न द्रब्यमें आाधित रहती है। क्रियासे सम्बन्ध रखनेवाले द्रब्यको कारक
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