पश्चिमी यूरोप भाग - १ | Paschimi Europe Pt.1

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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अध्याय २ जमेन जातियोंका प्रवेश, रोम साम्राज्यक्रा अधपतन सं० ४३२ के पदले जिन जर्मन लोगोनि रोम साम्राज्यमें प्रवेश किया उन लोगोंके हृदयमें स्वकीय राज्यस्थापनके विचार नहीं थे, परन्तु वे लोग़ अपने मनका दौसला मिटाने, देशाटन करने अथवा सभ्य जातियोंके संसर्ग के लिए आधे थे। रोमके द्वारपालगण भी इनके आक्रमणकों रोके रहते थे । परन्तु मध्यएशियासे हूण (मंगोल) जातिं एकाएक यूरोप धावा करती पुव ¦ इसने डाम्यूब नदीके किनारे बसे द्ुए जमेन लोगोंको भगाया । उन्होंने नदीके इस पार भा साम्राज्यकी शरण ली यह जर्मन जाति इतिद्वासमें “गाथ”” नामसे ग्रसिद्ध है । थोड़े ही दिनोंमें रोमराज कर्मचारियोंसे और इनसे झगड़ा हुआ भौर एड्रियानोपुछके युद्ध (सं० ४१५) में इन्द्दोंने रोमसम्राद्‌ वालेन्सकों पराजित किया और मार डाला । जमेन लोग साम्राज्य- की स्रीमाके पार तो आ ही गये थे | इस एड्रियानोपुलके युद्धसे उन्हें यह भी माल हुआ कि साम्राज्यकी सेना अजेग् नहीं | एड़्ियानोपुलके युद्धसे ही स्राज्यके अधःपतनका दिन गिनना चाहिये । इस युद्धके कुछ दिन बादतक गाथ लोग शान्ति- पूर्वक साम्राज्यमें रहते और रोमकी सेने नौकरौ करते थे। कुछ दिनके भनन्तरं भालेरिक नामी एक जमन सरदारने कम॑चारिथोकि व्यवहारे असन्तुष्ट दोकर सेना एकत्र कर इटलौकी तरफ धावा सारा । सं० ४९६ में रोम इसके हाथ लगा | रोमकी प्रचलित सभ्यताकों आलेरिकके हृदयपर बड़ा प्रभाव पड़ा। उसने किसी प्रकारसे उस विशाल नगरीको द्वानि नहीं पहुँचायी । उसने अपने सैनिकोंकों आज्ञा भी दी कि गिजोमें कोई छूट-पाट न मचायी जाय । राष्ट्रका व्यूहन करनेके पहले दी आलेरिकका देहान्त द्वौ गया । उसके मरनेफे पश्चात्‌ गाथ जाति घृभती-घूमती गाल तथा स्पेन देशों में गयी । इनके कुछ द्वी पदले वाण्डाल जाति उत्तरसे आकर राइन नदीको पार कर गालमें घुस आयी और देशको नष्टम्र्ट करती हुई पेरिनीज पदको पार कर स्पेनमें पहुंच गयी । गाथ लोगोने स्पेनमें पहुँच रोम साम्राज्यस्े मैत्री कर वाण्डाल लोगोंसे छड़ाई करनी आरम्भ की। लड़ाईमें इनकी ऐसी जीत कि सन्नाद्ने असन्न द्ोकर दक्षिण गालमें इनको बसनेके लिए बढ़ा स्थान दिया जहाँपर দ্ধ इन्दोंने अपना राष्ट्रस्थापित किया। इसके बाद वान्दाल लोग হব चलकर उत्तरीय अफ्रीकामें आये भौर वहॉपर भूमध्यसागरके किनारे-किनारे उन्होंने




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