प्राकृतपैंगलम् | Prakratapaingalam

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Prakratapaingalam  by डॉ भोलाशंकर व्यास - Dr. Bholashankar Vyas

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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निवेदन हिंदी मापा और साहित्य के अव्ययन में “গাক্তবীনশ্মত কা মহলা प्रायः समो विद्वानों ने स्वीकार किया है! आदिकालीन साहित्य का यह सप्रहप्रय मापा, वदिस, यर खन्द पर्य कौ दि चे ययथिर मध्यपूर्ण है। हेमचद्र के व्याकरण मे उपटन्य परिनिष्ठित अप्रं तया मव्यङाटीन वजमापा कै वीच वी कड्ठी के तौर पर इससा सफ्ेत तेस्सितोरी, डा० चाटुज्यं यादि विद्वानों ने समय समग्र पर जया है, और प्राइर्तैगल्मू को हिंदी साहित्य के इतिहास में अ चाय शुक्त ने समात्रिष्ठ कर पुरानी हिंदी के वीरगायागालीन साहित्य में दखी गगना करने का दिड्निददेश स्या है। राहुट बी ने सम्से पटछे हिंदी चातय्यधारा' मैं प्राइतर्पेंगल्म्‌ में संखद्ीत पुरानी दिंदी मुक्क प्ों को हिंदी पाठनों के सामने খন ন্ডং কহা যা, দি तुम्हारे दी कप ६, इन्दें न भुला देना । इस ग्रय का शरपक प्ारर्कगम्‌ ट पेखा 2, ग हिंदी के विद्वान बरसों तक इषे ददी से पाहर की चीच समझते रददे और शामद्‌ छुछ लोगों की अमी तक यही सय यनी हुईं हो। जैसा कि मैने अनुशील्न मैं बताया है; विद्यापति से पुरानी, आदि कालीन द्िंदी साद्दित्य वी परम्परा यहीं मुर्याउत है। ध्राउतमैंगश्म! का मापाशात्रौय मदत्य इसट्यि है कि पुरानी परिचमी हिंदी के निदर्शन सयसे पहले यहीं লিস্ট है। विद्यापति की 'बीर्तिब्ता! की माया से भी प्राइतंगल्म के कई उदाइस्यों वी माया आगे बढ़ी हुई । ঈয় নল आपाशात्नों प्राय, वियरणा मक या 'सिन्‍्क्रोनिउ? भाषाशास्त्र पर स्याटा बोर देते ईं, ऐिर भी तुस्ना मर एप ऐतिदासिऊ या 'डाइकोनिक मापाशारर के मदत्य से इन्कार नहीं जा सा | पुरानी ददी फा मापादाल्नीय अय्यपन জান কা पृरनी रातन्थानी, व्रजमापा, कमौजी, बुन्देली, सड़ी बोली आदि के वियरशत्मक अप्ययन के हिए मद्दत्यपूर्ण एठभूमि का काम करेगा । इसल्यि मैंने अनुशीय् में पराउतर्पैगय्मू दी मापा का अव्ययन फरते समय प्राइत, अपश्रंश, परिचमी और पूरती दिंदी परिमापायें, ठथा गुजराती, सतायानी, मोतपुरी, मैथिटी, बेंगय जैसी अन्य नव्य मास्तीय आये मापाओं को परिपाद्य প্র হন ফা সঙ্গন হিয়া & 1 ঘুইঘনলয় सैमी उत्तर व्यप्र ত্য আস হা) इतियाँ, उक्तिजक्ति, অলোক जैसे पुयनो पूर्ती दिंदी के ग्रय, ठया कन्दइद॑प्प्ध, दोच मारूय दोडदा खी ननी राजस्थानी रुजयवी सतियो कौ मर वया मव्यशलीन यय, अरं




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