परवार - बन्धु | Parvaar Bandhu
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
35 MB
कुल पष्ठ :
718
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)५८५
१२) साधारण सभा में प्रत्येक विषय का
निर्णय बहुमत से द्वोगा-और विरोधी पक्षो की
समान सम्मति होने पर सभापति का दुबारा राय
देने का अधिकार हागा।
(१३) सभा के अधिवेशन में निर्णय के लिये,
साप्तान्यत परवार मात्र' समयानुकूल उद्देश्यपूर्ल
के प्रस्ताव, जिस पर उसके व दो समर्थका के
दस्तसख्वत होगें-भेज सकता है- कुल प्रस्ताव सभा
के दफ़र में अधिवेशन तिथि से १५ दिन पृं
पहुँचना चाहिये -प्रत्येक प्रस्ताव अलग कागज पर
एक ही तरफ जिग्या जावगा। साय हुए प्रम्ता्ो
का वर्गीकरण किया जागा व उपयागिता के
विचार से उनका क्रम वाया जविगा। सामूहिक
रूप स व ज्यादा स्थानों से आये हुए प्रस्तावों को
ज्यादा महत्व दिया जाबेगा। विपय निर्वाचिनी
कमेटी निवाचित प्रस्तावों की शब्द योजना व
सभा से पेश होने का क्रम निश्चित करेगी और
उसी रूप से प्रस्तावको व समर्थक्रा को उन्हें पेश
करना आवश्यक होगा- अन्यथा व अस्त्रीकृत
सभम जावगे |
नोट अगर ससापति आवश्यक सममभेग
तो इस अवधि के बाहर आये हुए प्रस्तावा का भी
ले सकंगे ।
विषय निवोचिनी कमेटी का चुनाव |
(१४) विपय निर्वाचनी कमेटी का चुनाव
अधिवशन क प्रथम दिन निम्न प्रर्ार से आववशन
सभापति की मजूरी से किय जावेगा। सख्या
५१ से ज्यादा न होगी ब ¦ का कोरम हागा ।
अधिवेशन सभापत्ति उसका सभापति, ब॒मत्री
परवार सभा का मत्री रहगा-कायंबाहीका नाट
বলনা जागा ओौर कुल कायं बहुमत स करिया
जावेगा-इसके सदस्यो का प्रधिवेशन मे नोर देन
का श्मपिकार होगा ।
भा? व० परवार समा की नियमावली । ५
৫৫৫7: ৫৫77.
(৮) प्रिवेशन मभापनि स्वय ब ) _ ३
ब २ उसके छार चुने ह॒ए 1
~ ५) प्रचन्वकाग्णी कमेटी द्वागा | १४
चुन हुए, जिसमे मंत्री अवश्य रहेगा. | 7४
(२) परवार-बन्धु के सम्पाउक या प्रकाशक - ९
(४) म्वागतकारिणी सामिति द्वारा चुने हुए
जिनम स्वागतकारिणी सभापति अवश्य रटगा-५१
(०) स्थायी सभासद् ब॒ । _ =
प्रतिनिधि द्वारा चुने हुए ॥ ¬> ^
^५१
नोट-नम्बर «५ मे १ से ४ तक के लोग शामिल
न रहेगे-ब सभा स्थाना का समान मोका दिया
जावगा ।
1५-आगामी अधिवेशन के लिये स्थान का
निउचय जहाँ तक हो अप्रिबशन विसर्जन होने के
प्रथम ही आये हुए निमत्रणो से से क्रिया जाबेगा
व सभा को उसकी सूचना दी जावे |
१६-सभा का कुत कार्य सभापति की आज्ञा-
सुलार होगा-और वे ही उसका प्राग्म्म और
विसजंन करेंगे, उपस्थित सभासदो-प्रतिनिवियों ब
अन्य सन्ननाको उनकी आज्ञा मानना होगी।
35-सभा के समस्त कार्यों के लिये वर्ष का
भारम्भ श्री बीर निवार सवन् स हागा |
{< परवार जाति के सिवाय, कारण विशेष
होने पर प्रस्ताव द्वारा का मी प्रतिप्रित, सज्जन,
विद्वान य। न्यागी धर्मात्मा पुरुष १८ बर्ष से ऊँची
अवम्था का सभा का आनररी सभासद बनाया
जा सक्ता है । सभासर्दी फार्म का भगना व
सहायता आदि का दना उनकी उच्छा पर रहेगा,
व वे वोट भी दे सकेगे | हालां कि उनका मध्यस्थ
रहना विशेष गोरव युक्त होगा ।
1५ सभा की कुल कार्यवाही लिखित होगी।
आर वह मत्री द्वारा ढो मास के अन्दर छपकर
साधारणत “' परवार-बन्धु के द्वारा बितरण
की जावेगी ।
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