संक्षिप्त बाल मनोविज्ञान | Sanshipt Bal Mnovighyan

Sanshipt Bal Mnovighyan by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( १३ ) (£) श्य्रक्ि-इतिदहाखच পন্তুনি (099০7715602 1/(८४४००)--इस्त पद्धति के द्वारा किसी बच्चा विशेष के सम्ब- नव में जानने के लिये हमकोग उसे माता, पिता, थाई, बन्घु तथा श्रन्‍्य भावुकों से उत्के सामाजिक, नेतिक, शिक्षण, चरित्र तथा विकास (10०ए७४००77०॥४) सम्वन्धी वतो की जानकारी ्राप्त करते ६] जव क्िखी बच्चे फे सामान्य व्यददार में किसी प्रकार का व्यतिक्रम मालूम होता है तो हमलोग इस पद्धति का श्राश्रय लेते हैं। यद्यपि इस प्रकार से हमलोगों ४ बच्चे के सम्बन्ध में चहुत सी बातें मालूम हो जाती हैं लेकिन कभी-कभी को लोग सूचना देते हैँ वे कुछ घटा-बढ़ा देते हैँ, इजलिये छुछ कमी श्चा जाती द्धै] अतः इख दोष से वचने केलिये हमः ज्षोगों को पूछे जानेवाले लोगों श्रेद्दी चालाकी से काम लेना चाहिये तथा बहुत बच्चों के इतिहास को जानकर किसी बच्चा के सम्बन्ध में अपना निशय करना चाहिये । कं (৩) शओोपचारिक पद्धति (1101621 1/९८६८४००)--| पद्धति के द्वारा दम ऐसे बच्चों के व्यवहार का अध्ययन करते हैं जिनमें किसी प्रकार का संवेगात्मक (71001022 ])- জীব. अभियोजनात्म%(. तप४४71९7/०1) गड़बड़ी (1018£प70870७) रहती है । इस णद्धदि के द्वारा दम ,उस गड़वढ़ी के कारण को ज्ञान जाते हैं और उसे दूर कर देते ६&। यह पद्चढि वच्चों की . घुराइयों के कारणों को जानकर उन्हें दूर करने के लिये राम- चारण का कास करती इ) ০ (<) मनोदैहिक দুভুবি (555০17০-01058108] 1%6-




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