जैन भजन संग्रह | Jain Bhajan Sangrah
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6 MB
कुल पष्ठ :
192
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( १३ .)
६ छव दण्डक किण मं पावे ? वसकाय में লদ-
सक मे पावे-१; १७, १८, १९, २०; २१।
७ सात दण्डक किंग सै' पावे १ कोरा अचक्त
दशन में पावे-१२९, १३, १४, १५, १६,
१७; १८ । |
८ आट दण्डक किण मेँ प्रावे १ कोरा चसन्नौ मे
पावे-१२. १३, १४, १५, १६, १७, १८, १९ ।
€ नव दर्डक किंग से' पावे ? तिथेच में पावे-
१२६२० तांड।
१० दश दश्डक किण मे' पावे ? प्रसन्नौ में पावे-
१२ ै,२१ ताद।
११ दग्यारह दण्डक किण मे पवि ? नपुसकं
बेद में पावे ( १३ देवता का ठला ) ।
१९ बारह दण्डक कियण मे দান? गभं बिना.
सन्नो कष्ण लेश्या में पावे-१ से ११ तांडे,
१ बाईससों ।
१३ तेरह दण्डक किंण में पावे ? सर्व देवता में
पावे-२ से ११ तांई, २२, २३, २४,
१४ चवदह दण्डक किण में ঘানি? জীহা, অলী
से पावे- १३ देवतां रा, १ नारकौ रो।
१५ पन्द्रह दर्डका .किण सें. पावे.? स्त्रोवेद में
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