श्री जैन सिद्धान्त बोल संग्रह दूसरे भाग पर प्राप्त सम्मतियाँ | Shree Jain Siddhant Bol Sangrah Dusre Bhaag Par Prapt Sammtiyan

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Shree Jain Siddhant Bol Sangrah Dusre Bhaag Par Prapt Sammtiyan by अगरचन्द भैरोदान सेठिया - Agarchand Bhairodan Sethiya

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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[है| ३--मकान नें० ६ जेस्सन लेन तथा ने० १११, ११६ ११३, ११४, और ११६४ केमिग स्ट्रीर का तीसरा हिस्सा । कलकत्ता रजिस्ट्री आजिस में ता० १५-२-१६२६ को रजिस्ट्री करादी गई है। वार्षिक आय २४००) से फु अधिक। ड--जेस्सेन लेन वाले उपरोक्त मकान का एक भोर तीसरा ह्स्थ्षि ता3 १६-७-१६४० दो सस्या ने खरीदा । इस प्रड्ार सेस्था के पास उपरोक्त मकान ক্যা ই তা तिराई हो गया । इस हिस्से का विराया भी र० ६२४००) से इछ भधिक आता है। ५ --रौ कनेर मोह मरोटियन का विशाल भवन सेवर, सामायिक,पोसा, अतिकमण व्याख्यान জাতি धार्तिक कार्यो के लिए दे दिया गया। इसकी रजिस्ट्री बीकानेर मे त्ता०३० नवेम्बर सन्‌ १६२३ फो हुई 1 {मोच मयेदियन का दूसरा विशाल भवन, जिसमें लायमेरी,कन्या पाठमाला, भराइमरी स्कूल झौर नाइट कालेज प्रादि संस्याए है । बीकनेर मे तास হও नवम्बर १६२३ को रजिस्ट्री हुई। <«--प्रिटिय प्रेद--इसमें २ ट्रेडल मशीन १ टेण्डप्रेस,कर्टिंग प्रेस वगरह सभीने तथा सभी प्रकार के हिन्दी टाईप हे » यह पहले बाबू लत्रचन्दजी सेठिया का था | उन्होंने सरधा को भेट कर दिया। प++संत्पाओं के प्रबन्ध के लिए एक कमेटी ददी हुई सनुसार पदाधिहारी-तथा सदस्य दे-- सभपाति--अआीमान्‌ दानवीर सेठ भैरोंदानजी सेठिया । नन्नी-- भीमान्‌ जेयमदजी सेखिया । उपमन्त्री--यावु नारक्यन्दजी सेय्या । संदस्य--- १ श्रीमान्‌ सेठ कानीरामनी ग्ोंठिया । २. श्रीमान्‌ मटता चुधसिहजी देद्‌ । ३. भीमान सेठ सूबचन्दजी चडालिया (मआडिटर) । ड, भीमान पानमलजी सेठिया | श्यी मान सेठ मननमशजी फोखारी ए ६, ध्यीमान सेठ गोपिन्द्राममी भणसाली । ७, ध्यीसान जुपराजनी सेठिया | নথ है, नसमे मै लिस




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