श्री जवाहर किरणावली [भाग-5] | Shri Jawahar Kirnawali [Bhag-5]

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Shri Jawahar Kirnawali [Bhag-5] by आचार्य श्री जवाहर - Acharya Shri Jawahar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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एकादशोत्तर यअघस्तनेषु सप्तोत्तरं शतं च मध्यमके | शतमेकं उपरितने पंच. एवं अनुत्तर विमानानि ¡| प्रश्न-भगवन्‌! कितनी पृथिवयां कही हैः उत्तर-हे गौतम! सात पृथ्वियां कही हैं। वह इस प्रकार है-रत्तप़्भा यावत्‌ तमस्तमाप्रभा। के रहने के स्थान-कहे है? उत्तर-गौतम! तीस लाख निरयावास कहे हैं। सब्र पृथ्दियों मे निरयायवासो की संख्या बतलाने वाली गाथा इस प्रकार है-णहली न्ट मे तीय लाख, दूसरी मे पच्चीस लाख, तीसरी मे पन्द्रह लाख, चैन म दस्‌ टःस पाचवी मे तीन लाख, छटी मे पांच कम एक लाख ओर साठी मे हिणः एद निरयावास कहे गये है।




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