सफलता के सात साधन | Safalta Ke Saat Saadhan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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[ १ ) লাঙ্গাজ ঈ ক্ষহা--কনা काम हे ? सेने उसे वताया तुमसे प्रति दिस छः घटा कास लूंगा। काम यह होगा पे भाषण लगा उसे तुम्हे जल्दी जल्द लिखना इस कास को 'बड़ा कठिन' कहकर मुझसे जान छुट्टा वह तुरन्त चला गया। साचझ्लाल को ऊव से भोजन करने जा रहा था दो बह फिर जा उपस्थिद हुआ आर केवल एकं वार ॐ 4 419 212 / গা) ^ 4 ८4 53 2॥ ~+ < | = | ५ पूछने पर ही पेर धोकर खाने बेठ गया। कटने का अथं यह्‌ द करि लसी व्यक्ति जानवूमकर बेकार रहना चाहता हैं। काम करने से जी चुराना ही उसका / कक्ष रहता हे! वह्‌ दिन रात ख्याली-पुल्ञाव पकाया करता हे । लो चरम सीमा = सञ्यवादी है त्तथा जो धनी समाज का टी वेछारी का मूल कारण ससमे हुए है, वे भी आलसियों को रादी देने मे हिचकते हे। निरुच्चनवा ससाज की एक भयङ्कर चीसारी है । प्लग आदि से हजार दो हज़ार मस्ते दै. परन्तु इस चीमारी से आज़ हसारे युवक् समाज का अधिकांश नवयुवक ভু चीसार है। स्ऊुण्णा एक संयोजित शक्ति हैं। इसका अऋंला अस्तित्व नहीं है। इसके साथ साथ चारिवन्य-चल का बड़ा ही घनिष्ठं दारिड--दत ~ 1 এ न्तर्गत उत्स उद्योग चदि तथः र> चल ऊ अन्तरयाद उत्ख्ण्ा, হানা, হাল तवः लगन-इच चार गुणों का भी सम्सिश्ण होना आवश्यक है ।




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