स्वच्छन्दतावादी नाटक और मनोविज्ञान | Swachandtavadi Natak Aur Manovigyan

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Swachandtavadi Natak Aur Manovigyan by डॉ. शिवराम माली - Dr. Shivram Mali

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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श्री घो० पै० सकपाल आहिस सतत प्रेरणा एवं प्रोत्साहन मिसता आया है । इन सभी के प्रति म श्रद्धानत् हूँ । प्रेरी विक्षा वे श्रीगणेण का एवं नाटका में मेरी रुचि का श्षेय मरे पिता जी स्व० पिराजी उफ बगाठी जोती माली को है 1 उही वी प्रेरणा से बचपत मे मैंने कई लाटको मे काम किया और छोगा वो रिश्षाया। मेरी पूज्य माता श्रीमती गगामाई से मेरे लिये अथत्र परिश्रम उठाप॑ हैं। भेरे' छोटे भाई तथा विरुयात ध्रीडा विद प्रा० शकर माली बै ध्रातस्नेह्‌ ने मुझे आत्मविश्वास प्रदान किया है! यह्‌ प्रव-च मरो पत्नी सौ° पुष्पा एव सुपुत्र--सुनिरु, भनिल भीर दिनेन बं प्रोत्साहन भौर सहायता वे बिना कभी पूण ने हो सकता अत इन सभी वे प्रति मेरी विवद्र झृतनता है । दस काय से मेरे निकट के आप्ड एवं इचलकरजी के विरुयात उद्योगपति श्री महादवराव माला, उनकी पत्नी सौ० सुचीका माली, मरी सास श्रीमती ঘাধলী माली का सक्रिय सहयोग प्रिला । इस वक्त मेरे इवसुर पुत्सि इस्पेक्टर स्व० झवरराव माली, स्व० रावसाहेब डो० बी० माछो, जागतिक कति पै सवस पदु स्व० परणुराम भाछी का तीम्रता थे साथ स्मरण हुए बिना नही रहता । इन सभी का में हृदय मे इतच हूँ । इस शोध प्रव घ के आभार प्रदान मे जो नाय महत्वपूण व्यक्ति आंते है, वे हैं--ता > यटाव तराव माहित ना० शरद पवार, डॉ० आन दप्नकाश दीक्षित श्री १०५ वृपभसेन महाराज, श्रो भि० रा० पाटीर, भी एस° सिद्धेश्वर, धी जत्मभराव खाड़े, श्री बी० एस० निगम, डा० विलास घाटे, डा० दाम्भूप्रसाद श्रीवास्तव, श्री बी० दी० वाडकर, श्री मु० मा० जगताप, श्री बि० सो० महादार । शिवाजी विश्वविद्यालय न झोध प्रवाघ को प्रकारित करने की जो अनु मति प्रदात वी है, उसके लिए मैं विश्वविद्यालय के कुलगुरु बें० पी० जी० पाटीऊू कुछूसचिव, डॉ० सोौ० उप इधापे मौर सम्बाधित अधिकारिया के प्रति যে इतन्न हूँ । मेरे अध्ययन वे लिए सहायता प्रदाव करन वार शिवाजी विश्वविद्यालय, पून्ा विश्वविद्यालय, वनारस हिंदू विश्वविद्यालय, राध्टभाया समा, पुणे, राजाराम कालेज, कोरहापुर, छवपति निवाजी बदिन सतारा आदि ग्रयादयो एवं उनक ग्रथपालछा का में हृदय से अमारी हूँ ।




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