गुनस्थान दर्पण | Gunasthan Darpan
श्रेणी : धार्मिक / Religious
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1 MB
कुल पष्ठ :
104
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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मोग मिध्याल मे ही अव्यक्त मिध्याख होता है वा
की चार मिथ्यात्वोम व्यक्त मि-यात्र हेता दे प्रस
मस्ते कमदा ८ मिध्याखो का वर्णन कद्ते है!
२ अजिग्रद मिथ्यात्व.--एसके उठयसे केवल
कुदेव, गुरु ओर धर्म पर श्रद्धारक्खे ओर कुठनी
न समक्त
ए अनलज्िग्रह मिश्यात - घ्सके उदय
सं जीवको किस) परी आद् नदी दत्ता चाहे
सदेव, गुरुधम दोयादे केव गरुधर्म दो पर्वपर श
खा चरावर दात हं ।
३ अजिनिवेशिक मिथ्यात्व -इसके उठय से
प्राणी सच्ची बात कोजानता हवा जी अपनी म
न कब्पना से मिथ्या प्ररूपण करता है तथा अपने
पकमे हुवे हृछबादको नहीं ठोरता किसी कावरैनेठी
क कहा है
५
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