रस साहित्य और समीक्षायें | Ras Sahitya Aur Saiikshaayen
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
23 MB
कुल पष्ठ :
263
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about केशवदेव उपाध्याय - Keshavdev Upadhyay
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)हरिओआरध-साहित्य पर
लोक-मत
“महाकाव्य के विषय में कुछ कहना छोटे मुंह बड़ी बात है । इसकी
रचना करके भ्राप खडी बोली के जनकः के उच्चपद पर आसीन
इए हं । जिस भाँति बाबू हरिश्चन्द्र आधुनिक हिन्दी साहित्य” के
जनक कहलाये, उसी भाँति खड़ी बोली की कविता के विषय में
आपका स्थान है।
“प्रिय-प्रवास” को पढ़ते-पढ़ते आँखों से आँसुओं की धारा बहने
लगती है। चरित्र-चित्रण की महत्तापूर्ण कुशलता, प्राकृतिक दृश्यों एवं
ऋतुओं के वणेन की उत्तमता, कर्तंव्य-पालन, स्वजाति श्रौर स्वदेश
एवं देशोद्धार के लिए जीवन उत्सगे करते की दृढता, निर्भीकता,
गुरुता, प्रेम-भक्ति ग्रौर योग की उपयोगिता की सुव्याख्यामयी गंभीरता
इस महाकाव्य की महोच्वता জী सामग्री हैँ । यह् महाकाव्य भ्रनेक
रसों का आवास, विदव-ग्रेम-शिक्षा का विकास, ज्ञान, वैराग्य, भविति
ग्रौर प्रेम का प्रकाश, एवं भारतीय वीरता, धीरता, गंभीरतापूरित
হন কলা দত স্হান काव्यामृतोच्छवास है 1
User Reviews
No Reviews | Add Yours...