बालक भजन संग्रह | Balak Bhajan Sangrah
श्रेणी : संगीत / Music
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
344 KB
कुल पष्ठ :
26
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)| (७)
ज्ञान चसिकरो, षरो षदा दिलमे जका नाहीं
पार मेँ होगा भमनां ॥ जिनक ॥२॥ हों
कथिकीं करुणा धारे पालो दया पमे जियो।
মাইন জীব समो समाना ।जिनवर ०३।
श कमकरो तपकर् जारे, गायो सदो, जिन
गृण भला । “बालक” शिवनारीको होय करना
जिनव१ ॥ ४१
नं० १५ निनबर छो अरजी ।
चा ( तरकारी लेलो मानन तो आई )
जिनराजा खामी अरज हमारी सुन
নাতি ॥ ঈ ॥ दीनदयाल दयाके सागर, सब
जीबन उपकारी | मवताएः से ग्ग रो जग
“तारक जस घारी। जी गिन०॥१॥ च॒तुर्गति में
अ्गते भूमते,अगणित, दुख हम पाये । तारण
तरणु विरद हम युन शरेण तिहारी भये
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