युगलागुलाय | Yuglagulay
श्रेणी : उपन्यास / Upnyas-Novel, कहानियाँ / Stories
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
762 KB
कुल पष्ठ :
45
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)(৭)
हुआ देखते ही उस कागज के पढ़ने लूमी । एक बार के पाठ
से उसका कुछ अथे प्रकट नहों हुआ | फिर उसने उसके
पएदा बार भार पढ़ा; पहले ही उसका कलेजा घक्क से हे।
उष्टा । पत्र आधा था, इसलिए पूरा पूरा अथे विदित न हुआ,
परन्तु ऊे। कुछ पढ़ा गया वद्द यद्द था३--
ज्योतिषीय गणना की गई
००० ०० ৬৯০ !
दिरिण्मप्री के तुल्य सोने की सृतिं कटे बल - 3
विवार सेने पर भयानक विपद् म्म उ ४४
परूपर का स्तात् | ता 18472
हां ऐो सकता है... ৪৫৮ এ, ৪৪ 4, 5৫৪ |
दिरण्मयी किसी भावी चिपद् की आद्यंका करके सदम
गई। परन्तु उसने किसी से कुड न कद् कर स्वयं हौ प्न-खंड
का चड़े यल्न के साथ रख दिया ।
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