यशस्तिलक का सांस्कृतिक अध्ययन | Yasastilaka Ka Shankritik Adhyayana

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Yasastilaka Ka Shankritik Adhyayana by गोकुलचन्द्र जैन - Gokulchandra Jain

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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१६ परिच्छेद ७ * वस्त्र और वेष-भूषा এ १२१-१३५ तीन प्रकार के वस्त्र--(१) सामान्य वस्त्र, (२) पोशारकें या पहनने के वस्त्र, (३) अन्य गृहोपयोगी वस्त्र। सामान्य वस्त्र--नेत्र- नेत्र के प्राचीनतम उल्लेख, डॉ० वासुदेवशरण अग्रवाल द्वारा नेत्र वस्त्र पर प्रकाश, कालिदास का उल्लेख, वाणभट्ट के साहित्य में नेत्र, उद्योतनसू रि (७७९ ई०) कृत कुवलयमाला में नेत्र-वस्त, चौदह प्रकारके नेत्र, चौदहवी इती तक वगाल में नेत्र का उपयोग, नेत्र कौ पाचूडो, जायसी के पदमावत मेँ नेत्र, भोजपुरी छोक-गीतो में नेत्र । चीन-- चीन देश से आने वाला वस्त्र, भारत मे चीनी वस्त्र आने के प्राचीनतम प्रमाण, वृहत्कल्पसूव्र मे चीनाशुक कौ व्याख्या, चीन और वाल्हीक से माने वाले जन्य वस्त्र । चित्रपटी--वाणभदट्र कौ साक्षी, चित्रपट के तकिए्‌ । पटोल, गुजरात की पटोला साडी, पटोल की बिनावट का विशेष प्रकार । रल्किका, रल्छक मृग या एक प्रकार का जगली बकरा, रल्लक की ऊन से वने वेशकीमती गरम वस्त्र, युवाग च्वाग के उल्लेख । दुकूल, दुकूल की पहचान, आचाराग, निशीथनचूणि तथा अथात्र में दुकूल क उल्लेख, वार पौड्‌ तथा सुवर्ण- कुड्या के दुकू वस्त्र, दुकूल कौ विनाई का विशेष प्रकार, डॉ० अग्र- वाल की व्याख्या, दुकूल का जोडा पहिनने का रिवाज, हस मिथुन लिखित दुकूल के जोड, दुकूल का जोडा पहनने कौ अन्य साहित्यिक साक्षी, दुकूल की साडियाँ, पलगपोश, तकियो के ग्रिलाफ आदि, दुकूल और क्षौम उस्त्रो में पारस्परिक अन्तर और समानता, कोशकारो की साक्षी । अशुके-- कई प्रकार के अशुक, भारतीय तथा चीनी अशुक, रगीन भशुके, अशुक को विशेषताएँ । कोशेय--कौशेय के कीडे, कौशेय को पहचान, कौशेय की चार योनियाँ। पोशाकें या पहनने के वस्त्र--कचुक, वारवाण, वारबाण की पहचान, वारबाण एक विदेशी वेश-भूषा, भारतीय साहित्य में वारबाण के उल्लेख, चोलक, चोरक एक सम्भरान्त पहनावा, नौर के अवसर पर चोखक का उपयोग, चोलक एक विदेशी पहनावा, चोलक के विषय में अब तक प्राप्त अन्य जानकारी । चण्डातक, उष्णीष, कौपीन, उत्तरीय, चीवर, आवान, परिघान, उपसव्यान, परिधान और उपसव्यान से अन्तर, गुह्या, ইজনৃভিন্কা, জান, कन्था, नमत, निचोल, या चन्दोवा, सिचयोत्लोच गौर वितान ।




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