मार्कण्डेय पुराण : एक अध्ययन | Markndey Puran Ek Adhyyan
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
7 MB
कुल पष्ठ :
168
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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विपय । . ` अध्याय पृष्ठ
सूं का तात्विक विवेचन = ३४-४१
वस्तुविवेचन की पोराणिक दृष्टि के तीन भेद डर ४१-४३
चंशानुचरित | ४३
उपसंहार - . , রর উন বি
माकण्डेयपुराण के प्रधान चार पक्षी चक्ताओं की माता तार्क्षी ..
का परिचय न -- १-२ ४६-४७
प्राकण्डेयपुराण के अधान वक्ता चार पक्षियों की जन्मकथा .. ই ४८-५०
निगुण परमात्मा का मनुष्य रूप में प्राकव्य किस प्रकार होता व
दै इस अयम मूल प्रश्न का उत्तर ४ ४०-४१
द्रौपदी पाँचों पाण्डवों की पत्नी केसे हुई-इस द्विंतीय मूल प्रश्न - -- ` `
का उत्तर ~ ५ ५१-५२
तीथयात्रा के निमित्त निकले हुए बलराम को ब्रह्महत्या केसे. -
लगी और उन्होंने उसका क्या प्रयिधित्त किया-इस
तीसरे मूल अश्न का उत्तर ह ६ ५२-५२ .
द्रौपदी के पाँचों पुत्र अविवाहित ही क्यों रहे और अनाथ जैसे
: क्यों मारे गये इस चौथे मूल प्रश्न का उत्तर... ७ ४३-४४
राजा हरिश्वन्ध की कथा ७-८ ४५२३-५७
ননদ और सारस के रूप में वशिष्ठ और विश्वामित्र के युद्ध की कया ९ ५७
'सुमति और उसके पिता भार्गव के वीच अदृत्तिथमं के सम्बन्ध |
मे वार्तालाप १० ५८
, जन्म, भृत्यु, संसार श्रौर मरक ११-१२ ५८-५९
¦ उमति ॐ सात्वं पूवेजन्म की कया तथा राजा विपश्चित् कौ
, “ यमदूत से वार्ता १३-१५ ६९-६१
¦ पतिव्रता का महत्त्व १६ ६२-६४
। अनसूया से सोम, दत्तात्रेय और दुर्चासा के रूप में त्रह्म, विणु और
शिव का प्रादुभाव १७ ६४
` सना कृतवीर्य के पुत्र अर्जुन और उनके सन्स्रियों के बीच
राज्यसम्वन्धी महत्त्वपृण वार्ता १८ ६५-६६
। योगी दत्तात्रेय से अर्जुन को वरप्राप्ति और उनकी परशस्त
। 'शासनन्यचस्था है १९ ६६-६७
॥ रोना शजित् के पुत्र ऋतध्वज कौ रोचक कथा २० ६७-६९
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