मार्कण्डेय पुराण : एक अध्ययन | Markndey Puran Ek Adhyyan

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Markndey Puran Ek Adhyyan by बदरीनाथ शुक्ल - Badrinath Shukl

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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मे विपय । . ` अध्याय पृष्ठ सूं का तात्विक विवेचन = ३४-४१ वस्तुविवेचन की पोराणिक दृष्टि के तीन भेद डर ४१-४३ चंशानुचरित | ४३ उपसंहार - . , রর উন বি माकण्डेयपुराण के प्रधान चार पक्षी चक्ताओं की माता तार्क्षी .. का परिचय न -- १-२ ४६-४७ प्राकण्डेयपुराण के अधान वक्ता चार पक्षियों की जन्मकथा .. ই ४८-५० निगुण परमात्मा का मनुष्य रूप में प्राकव्य किस प्रकार होता व दै इस अयम मूल प्रश्न का उत्तर ४ ४०-४१ द्रौपदी पाँचों पाण्डवों की पत्नी केसे हुई-इस द्विंतीय मूल प्रश्न - -- ` ` का उत्तर ~ ५ ५१-५२ तीथयात्रा के निमित्त निकले हुए बलराम को ब्रह्महत्या केसे. - लगी और उन्होंने उसका क्या प्रयिधित्त किया-इस तीसरे मूल अश्न का उत्तर ह ६ ५२-५२ . द्रौपदी के पाँचों पुत्र अविवाहित ही क्‍यों रहे और अनाथ जैसे : क्यों मारे गये इस चौथे मूल प्रश्न का उत्तर... ७ ४३-४४ राजा हरिश्वन्ध की कथा ७-८ ४५२३-५७ ননদ और सारस के रूप में वशिष्ठ और विश्वामित्र के युद्ध की कया ९ ५७ 'सुमति और उसके पिता भार्गव के वीच अदृत्तिथमं के सम्बन्ध | मे वार्तालाप १० ५८ , जन्म, भृत्यु, संसार श्रौर मरक ११-१२ ५८-५९ ¦ उमति ॐ सात्वं पूवेजन्म की कया तथा राजा विपश्चित्‌ कौ , “ यमदूत से वार्ता १३-१५ ६९-६१ ¦ पतिव्रता का महत्त्व १६ ६२-६४ । अनसूया से सोम, दत्तात्रेय और दुर्चासा के रूप में त्रह्म, विणु और शिव का प्रादुभाव १७ ६४ ` सना कृतवीर्य के पुत्र अर्जुन और उनके सन्स्रियों के बीच राज्यसम्वन्धी महत्त्वपृण वार्ता १८ ६५-६६ । योगी दत्तात्रेय से अर्जुन को वरप्राप्ति और उनकी परशस्त । 'शासनन्यचस्था है १९ ६६-६७ ॥ रोना शजित्‌ के पुत्र ऋतध्वज कौ रोचक कथा २० ६७-६९




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