आधुनिक परिवहन | Aadhunik Parivahan
श्रेणी : अर्थशास्त्र / Economics
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
11 MB
कुल पष्ठ :
517
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)१२ | आधुनिक परिवहन
दुसरी अवस्था परिवहन शक्ति के क्षेत्र में उस समय आती है जब मनुष्य
पशुपालन में लग जाता है और पालतू पशुओं का परिवहन के लिए प्रयोग के
लगता है। डलिया, टोकरी, थेले इत्यादि जिनमें भर कट बह बोकदोताथाभव
मनुष्य की पठते उव्कर पुरौ कौ पठ प्र लादे जाने लगे । कुत्ता, बेल, धोड़ा,
७ गधा) रेमडीयर, ऊँट और हाथी इत्यादि पशुओं का पुराती दुनियाँ और कुत्ते प्रौर
सकामा का नई दुनिया मे रयोग परिवहन के ध्र मे महाम् प्रगति प्रदान करने वाली
(चच्धना थौ । गाड़ियाँ खौचने के लिए पशुन्शक्ति का प्रयोग आज भी विश्व मर में लोक*
संसारप दै, निन्त धात्रिक-श्क्ति का विकाप्त होने के कारण झ्राजकल पशुझों को बहुत से
री कामों से छुट्टी मिल गई है और अब उनका उपयोग सीमित क्षेत्र में ही होता
की ख्िहत-पशुप्रो का प्रचार उन्हों स्षेत्रो में उम्मव है जहाँ वे प्राकृतिक सुविधात्रों
क श्रयरलारण पनप सकते हैं भ्रयवा जहाँ पर उनके लिए उपयुक्त चारा उग सकता है।
रन, ক
ठते हलक काद वलि धवो ध से बाहर च पनप सक्ता; लामाका क्षत्र दक्षिणी
खोला छरा के सीराज भ्रदेश में ही वहुधा सीमित है श्र हाथी केवल दक्षिणी एशिया
त (अतो में ही उपयोगी है ! है
কু । অহ ता पडला प्यु या जो परिवहन के लिए प्रयोग मे ग्राया | ऋग्वेदिक काल में
स्थिक चोभे अन्य पशुओ के अतिरिक्त गाड़ियां दीचने के लिए कुत्ते का प्रयोग होता था।
ति चाल भेन मार्तोष तते की ईरान मौर मेसोपोटामिपा मे मारी सांग थौ গীত उका
त निर्यात होत्रा या । इसके चोटे प्राकार श्रौर सीमित शक्ति फ कारण धसका
८४. ,खन्दी पदेरो भे होता या जहां कोई दुसरा उपयोगो पञ नही या । सारे शाकः
६ टेंशन मे कुत्ता अद्वितीय परिवहन-पथु समझा जाता है, क्योकि अपने छोटे रीर
» रीर से वर्फ पर चलने के लिए यह विश्वेप उपयोगी है ।
पृरिविहन-पशुओ में देल सम्भवत: सबसे अधिक विस्तृत क्षेत्र मे पाया जाता
५... ४ री अमेरिका, अफ्रीका, यूरोप और एशिया मे बेल की करद जंगी, नस्ते पाई
1 अमरीकी विसन (8507) बेल कभी पालतू पशु नहीं रहा किन्तु यूरोप
शाका वेत प्रस्तर युग में भी घरेलू पशु খা । प्रादीव काल में मेसोपोटामिया
नै बैलगाडी (0%-४०६००) एक सामान्य परिवहन का साधन था । श्राज-
प्रागर कै चारो ओर यह बहुथा देखने में आ्राता है भर दक्षिणी ग्रफ्रीका व
अमेरिका तक फ़रेल गया है। भारत के ग्रामोण शक्षत्रों मे बेल ही एकमात्र
হন “যু ই মীর ग्रामीण क्षेत्रों के लिए यह महाद् उपयोगी है । याक एशिया के
डी क्ष त्रो में विशेष उपयोगी पशु है ।
घोड़ा विस्तृत क्षेत्र मे सर्वश्रधम प्रयोग में आया। धोडे का प्रयोग सवारी
“और बोभ ले जाने के लिए लोकप्रिय है। रातो अने (#॥०८) के काल हक्ष
साहित्य सेंड मे केवल घोद्ा ही एकमात्र परिवहन-पश्चु था; यह अपनी पीठ पर लगभग
खुदाइयो-? पौंड बोक ले जा सकता था । उस देश में सबसे पहले रेलें भी দাঁত ভাত
चलती थी। भारत के नगरो से इक्का-ताँगा खीचते के लिए घोड़े का श्रयोप होता है |
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