चर्चा सुहाग की | Charcha Suhag Ki
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
204
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)चर्चा सुहाग बी [5
सारे क्मचारी मिलकर होटल केस चलायेंगे ?ै राज्य चवान से भी
मुश्किल होटव चलाना है, यह बात दुनिया वे सव लोग जानत हैं। वंडे-बड
मेजर-जनरल तक होटल चलाने मे हार कर भूत हो जायेंगे, यह बात राम-
श्वर मजूमदारने कही पदी थी)
आजकल रामेइवर मजूमदार कहन को तो मैनजर ह लेक्नि उनकी
जिम्मेदारियाँ वहुत अधिव' हैं। जीवन-भर की कमाई सत्रह हजार स्पय
उन्होंने छाती ठोबवर अस्तर साहव की नयी वीवी वी दे दी थी । मालिक
अख्तर ही रह, लेकिन इस होटल वे फायदे-नुकसान वी सारी ज़िम्मेदारी
रामेश्वर मे ले ली । वीच-वीच मे बुछ रुपये क्राय के रूप मे खगा निय
जार्थेग, उसवे वाद फायदा-नुक्सान सव तुम्हारा ।
डीलक्स होटल बे' टूट-फूंटे वमरे विराये पर देवर अगर डबल स्मय
ले सको तो दिसी को कोई आपत्ति नही है। इही ठुछ कमरा स अस्तर ने
अपनी जवानी म खूब नवाबी वी, व घु-बा घवा वी खातिर वी, हूगली मं
घोल्ड स्टोरेज बना लिया, श्याम बाज़ार दु हसमाबाद लाइन पर एक् बस
भी चलायी । यहं अलग वात है कि अख्तर साहब अब तब उस बस को रख
न पयि । नयी वीवी न उसे हथिया लिया ।
गुामखटदीव स्टीट का डीलक्स होटल । नयं आदमी कनौ पकडकर
होटल में लान के लिए कभी बोई विनापन नही दिया गया, कभी कोई
दलाल भी नही भेजा गया ( फिर भी जुबान-जुवान से कातो काना डीलक्स
होटल का नाम चारा ओर फैल गया था। कितने ही आदमिया को इस
डीलक्स होटल के बारे मे मालूम था, यह सोचकर रामेदवर मजूभदार को
खुद भी ताज्जुब होता था ।
कभी-कभी रामेश्बर को सदेह होने लगता कि कलकत्ते मे एंसा कोई
आदमी नही होगा जिसे डीलक्स होटल का पता न हो । रिवशाबात्रा टैक्सी-
ड्राइवर घोडागाडी का कोचवान--इनकी बयः स्पेशल ट्रेनिंग दी गयी है ?
लाइन म धुसते ही क्या गुवामउद्दीन स्ट्रीट बे डीलक्स होटव वी बात बता
दी जाती है ? नही ता दूर दूर से सिख, पजाबी, बंगाली, तेलुगु टैक्सी-
ड्राइवर क्सि तरह अनायास दिन या रात में किसी भी समय यात्री सहित
पिना कसी दुविधा के, सिश्चित डीसक्स होटल के आगे जा खडे होतेह?
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