पञ्च प्रतिकमन | Panch Partikman
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
15 MB
कुल पष्ठ :
535
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)जीव ओर पञ्चपरमेष्ठी का स्वरूप ।
সপ तिर कि
(१)प्रश्न-परमेष्ठी क्या वस्तु है!
उत्तर-बह जीव है ।
(२)प्र०-क्या सभी जीव परमेष्ठी कहलाते ह ?
उ०-नहीं ।
(३)प्र०-तब कौन कहलाते हैं ?
उ ०~-जो जीव “परमे' श्रथोत् उत्कृष्ट स्वरूप में-समभाव में
“प्विन! अथोत् स्थित हैं वे ही परमेष्ठी कहलाते ই| .
(४)१०-परमेष्ठी ओर उन से भिन्न जीवों में क्या अन्दर ই?
. इ०-अन्तर, आध्यात्मिक-विकास द्वोने न द्वेने का हैं।
अथोत् जो आध्यात्मिक-विकास बाले व निमेल
श्रात्मशक्षि वले है, वे परमे और जो मलिन
आत्मशक्ति वाले हैं वे उन से भिन्न हैं ।
(५)१०-जो इस समय परमेष्ठी नहीं हैं, क्या वे भी साधनों
के द्वारा आत्मा को मिल बना कर वैसे बन
सकते हैं !
उ०-अवश्य ।
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