पञ्च प्रतिकमन | Panch Partikman

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Panch Partikman by सुखलाल - Sukhalal

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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जीव ओर पञ्चपरमेष्ठी का स्वरूप । সপ तिर कि (१)प्रश्न-परमेष्ठी क्या वस्तु है! उत्तर-बह जीव है । (२)प्र०-क्या सभी जीव परमेष्ठी कहलाते ह ? उ०-नहीं । (३)प्र०-तब कौन कहलाते हैं ? उ ०~-जो जीव “परमे' श्रथोत्‌ उत्कृष्ट स्वरूप में-समभाव में “प्विन! अथोत्‌ स्थित हैं वे ही परमेष्ठी कहलाते ই| . (४)१०-परमेष्ठी ओर उन से भिन्न जीवों में क्या अन्दर ই? . इ०-अन्तर, आध्यात्मिक-विकास द्वोने न द्वेने का हैं। अथोत्‌ जो आध्यात्मिक-विकास बाले व निमेल श्रात्मशक्षि वले है, वे परमे और जो मलिन आत्मशक्ति वाले हैं वे उन से भिन्न हैं । (५)१०-जो इस समय परमेष्ठी नहीं हैं, क्या वे भी साधनों के द्वारा आत्मा को मिल बना कर वैसे बन सकते हैं ! उ०-अवश्य ।




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