कुछ आधुनिक आविष्कार (1954) | Kuch Adhunik Aviskar (1954)
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
18 MB
कुल पष्ठ :
300
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)बिजली--सम्यता का नया उदय &
कच के घट मे नोसादर ( अमोनियम क्लोराइड) का घोल लेते
हैं| इसमें एक छड़ पारा किए हुए जस्ते की खड़ी करते दहै । इसी
घोल में एक रन्धमय ( छेदीला ) बतन भी खड़ा करते हैं जिसमें
काबन का एक प्लेट होता हे । पिसे कार्बन और मैंगनीज़ डाइ-
ऑक्साइड का मिश्रण इस रन्धमय बतेन में भरा रहता है। काबन
प्लेट धनात्मक आर जस्ते की छड़ ऋणात्मक होती है। घरों में
बिजली की घण्टी ओर टेलीफोन के लिए यह सेल बड़े काम की है|
लेक्लांशी सेल का सबसे अधिक उपयोग तो सखी-बैटरियों में
किया गया है (चित्र) जिनका व्यवहार टोचं मे श्र सायकिलकी
व्रिजली वाली लेम्प में होता है । इन बेट रियों
को बिलकुल सखा नहीं समझना चाहिए
कयां॑के बिलकल सखी होने पर ता बिजली
की धारा बह ही नदीं सकती | इन सखी
वैटरियों मे जस्ते कील्डका स्थानतो
जस्ते की बनी वह डिबिया ले लेती है जिसमें
मसाला भरा होता है । नासादर का धोल
चित्र ८--सूखी बैठरी न लेकर के नासादरश्चार स्टाचं कीले
बेटरी में भरते हैं ऑर हमेशा नम बनाए रखने के लिए इसमें
जिक क्लोराइड के समान कोई मसाला ओर डाल देते हैं।
यह मसाला हवा से नमी सोखता रहता है| इस मसाले के बीच
में काबन का छड़ होता है ।
संग्राहक--मोटर की बेटरियाँ
लेक्लांशी सेल या सखी बैटरियों को प्राथमिक सेल ( प्राइमेरी
सेल) कहते हैं | इनमें रासायनिक योग के कारण बिजली की धारा
पेदा होती है | मोटर में जिन बेटरियों का प्रयोग होता है वे इस
प्रकार की नहीं होतीं। वे अपने रासायनिक द्रव्यों से बिजली नहीं
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