संस्कार | Sanskar

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Sanskar  by पं. रतनचन्द भारिल्ल - Pt. Ratanchand Bharill

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about पं. रतनचन्द भारिल्ल - Pt. Ratanchand Bharill

Add Infomation About. Pt. Ratanchand Bharill

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
संस्कार ] [ १३ लौकिक शिक्षा दिलाने भौर नैतिक एवं सदायारी बनाने के लिए उन्होंने विज्ञान को उस स्कूल में प्रविष्ट करा दिया था। उन्हें क्या पता था कि उनके सदाचार का मापदण्ड भारतीयों के संदाचार से बिल्कुल भिन्न होता है। वे उद्योग पति तो थे, पर प्राधुनिक उद्योगप तियों जैसे सातों व्यसनों में पारंगत सर्वगुणसम्पन्न नहीं थे। भ्रधिक पढ़ें-लिखे भी नहीं थे । सीषे-षादे सज्जन प्रकृति के धार्मिक रचि सम्पन्न श्रीमत ये । प्रतः उन्हें विज्ञान का बदला हुप्रा रूप एकदम भझ्रटपटा लग रहा था भोर वे प्रपने इस कृत्य पर पछता भो रहे थे, पर “अब पछताये श्या होत है, जब चिड़ियां चुंग गई खेत ।' परन्तु वे विवश थे। इसके सिवाय उस समय भौर करते भी क्या? घर में विज्ञान को संभालने के लिए उसकी माँ भी नहीं थी भौर भरकेले होने के कारण उनके पास उसको देखभाल करने का समय भी नहीं था; भत: घर में रखकर पढ़ाना-लिखाना तो संभव था नहीं पौर नगरमे भ्रस्य लोग भी उत्तम व्यवस्था भौर उत्तम पढ़ाई की रणष्टि से उसी शिक्षा संस्थान की प्रशंसा किया करते थे झौर विज्ञान को उसी में प्रविष्ट कराने का परामर्श दिया करते थे, इसकारण ऐसा बनाव बन गया था । पर उन्होंने इस सम्बन्ध में विज्ञान से कुछ नहीं कहा, कहते भी क्या? उसमें उस बेचारे का दोष भी क्‍या था ? उसे तो जेसा वातावरण भिला, वेसा दल गया। जो होना था सो तो हो ही गया; पर उन्होंने इस घटना से प्रेरणा पाकर यह्‌ संकल्प किया ङि ~ यदि थोडे दिन भौर जीवित रहा तो मैं इस शिक्षा संस्थान के समानान्तर ही एक ऐसा प्रादर्श शिक्षा संस्थान स्थापित करूँगा, जिसमें प्राधुनिक संदर्भ में सभी प्रकार की सर्वश्रेष्ठ लोकिक शिक्षा के साथ भारतीय सभ्यता, श्रमण-संस्कृति, नेतिक शिक्षा भौर प्रहिसक सदाचारी जीवन जीने की कलामे छात्रों की निपुण किया जाएगा भोर वीतराग-विज्ञन की महिमा से छात्रों को परिचित कराया जयेगा । इसके लिए उन्होने प्रोफेसर ज्ञान के पिता श्री भ्ररहंत जेन, जो स्वयं एक भनुभवी शिक्षाविद थे, को बुलाया और उन्हें भ्रपने विधारों से श्वगत कराते हुए परासशे किया ।




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now