श्री जितेन्द्र पंच कल्याणक पूजन | Shri Jitendra Panch Kalyanak Pujan

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Shri Jitendra Puch Kalyanak Pujan(2477) by श्री सेठ सुजानमलजी सोनी

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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(१६ ) ₹ हीं कार्तिक पूणमास्यां जन्मकल्याणक प्राप्ताय श्री संभव जिनेन्द्रायाध्यं निबेंपामीति स्वाहा ॥ ३ ॥। अभिनंदन को जन्म माघ सित जानिये, दादसि केचन चरण चिन्ह कर्पि मांनिये । धनुष श्रद्धे शत तीन उचाई तन ले, आयु लाख पंचास पृ जजि शिव धसे ॥। 5$ हीं माघ शुक्लद्वादश्यां जन्म कल्याणक प्राप्ताय श्री 'भि- नंदन जिनेन्द्रायाध्य निर्वपामीति स्वाहा ॥ ४ ॥ चेत्र शुक्ल तिथि स्द्र संख्य श्री सुमतिजी, लयो जन्म तन हेमवरण गुन ब्रृेदजी । भायु लाख चालीस पूवे कही, कोकचिन्ह बपु धनुष तीन शत की लही ॥। 55 हीं चेत्र शुक्ले कादश्यां जन्मकल्याणक प्राप्ताय श्री सुमति जिनेन्द्रायाध्य॑ निवबंपामीति स्वाद्दा ॥ ५ ॥। पद्म चिन्द पद पद्म पद्म तन दुतिलसै, पद्म जिनेश्नर पाद पद्म पद्मा बसे । झायु तीस लख पुव्च त्रयोदशि शुकल ही, कार्तिक चाप अ्र्ाई शत बपु उच्च ही । 5 हीं कार्तिक शुक्ल त्रयोद्श्यां जन्मकल्याणक प्राप्ताय श्री पद्म प्रभ जिनेन्द्रायाध्य॑ निवंपामीति स्वाहा ॥ ६ ॥ जेठ सेत तिथि अरक॑ प्रमित जिन जन्मये, नाथ सुपारस हरित वरणा जन सुखठये ।




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