आधी रात | Aadhi Raat
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
7 MB
कुल पष्ठ :
280
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)आधी रात ॐ
दूसरा- अघोरी-- साश्चय भीत हो )--ओ तेरी ......
पहला अघोरी--( रक्तोंजली फ्रेक कर )--यह ले, अंधेरा-- .
[ अ्रंघकार का होना |
तीसरा अघोरी--( उसी तरह हुँकार कर ) “यह ले भूकम्प,
धिजली---आग के सोते !
[ एथ्वी-ध्रूजन; विद्युत् तथा जगल के एक भाग में आग लगना ]
दूसरा अधोरी--( आँखें हाथ से बन्द कर, चिल्लाता हुआ )--
ছী ओ, मरा रे ! ओ बाप रे ! दौड़ो कोई ! मरा ! रक्षा करो गुरु
देव ! दौड़ो--दौड़ो--
तीसरा अधोरी--( भयानक चीर्कार-कर )-यह ले सरण-
बन्ध--
( बायु-वेग से कापालिक का प्रवेश । } |
कापालिक-( रोकता हुआ }--्शान्त 1 सवर !! भैरव `
शिष्यां का कमाल হী! হানাহা !!
दोनों--( रुक, स्तस्मित ही घूम ) गुरुदेव ? ( झुकते हैं )
जय | जय 11 है
कापालिक--( स्थिर )--हुम् ! शक्ति, इस जगत का ক
राल जादू--जादू !--महा जौवन की ज्वाला है, सावधान !
दोनों--( दीन स्वर में ) कृपा हो, नाथ !
कापालिक---[ वैसे ही )--भैरव नाथ की महिमा से जगत की
यह पिशाचिनी स्वयं-योगी के महापतन में दत्तचित्त है ! बस,
इतना ही बल है। हुम् ! राक्षस की ठोकरें खा स्वयं-जन्मित
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