अंतिम झांकी | Antim Jhanki

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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~ सवक आर चत्त-श॒द्ध ४ वि सिंध में जाना है। सिंध जाते समय में कोई पासपोर्ट न दँगा । अपने भाई के घर जाना हो, तो क्या अनुमति की जरूरत होती है पट्नी साहव मेरे पास भी जाये थे ओर मुझे भी भावनगर आने के लिए कहा | लेकिन में केसे जा सकती हूँ ? शाम को तो धीरे-धीरे किसी तरह प्रार्थना में गयी थी | चलते समय कमजोरी ज्यादा माद्म पड़ती ६ | जाड़ा तो दे ही | शरणार्थियों को वापसी का प्रदन आज के प्रार्थना-प्रवचन में बापू ने सिंध के हिन्दुओं के लिए कहा : कुद मुसलमान भाई पाकिस्तान हो आये हैं। उनका कहना दे कि 'अब हिन्दू पाकिस्तान जाना चाहें, तो जा सकते हैं |? पर मैं समझता हूँ कि अभी वापस लौटने का समय नहीं आया है| अगर वैसा हो, तो आज जो सिन्ध में रद्द गये हूँ, वे डरकर क्यों यहाँ आना चाह रहे हू ? या तो सिन्ध में हिन्दुओं को पूर्ण संरक्षण मिले या उन्हें सद्दीसलामत ढंग से यूनियन में लाने की व्यवस्था करं | जब तक इन दोनों में से एक भी नहीं होता, तब तक भारत-सरकार द्यान्ति से नहीं रह सकती, यह निश्चित है । जो लोग जहाँ से आये हैं, जब तक वहीं थे वापस न लीय जारे, तवर तक ओरौ की चाततो ठीक, में स्वयं शान्ति से नहीं ब्रैठ सकता | सम्भव है कि यहाँ अब थोड़े-बहुत शरणार्थी स्थिर भी हो गये हों | लेकिन उससे क्या १ इन लोगों को अपना वासखान, घर-बार वाद आये बगेर रह कैसे सकता है ! पर में शरणार्थियों को यह सुझाव दे रहा हैं कि वे प्रामा- णिकता के साथ दरीर-परिश्रम करके खायें | इससे उनका दुःख भी कुछ भूल जायगा और वे पापाचार से भी बचे रहेंगे |” सारा जीवन प्रारथनामय रेडियो में बापू का प्रवचन आता है, उस बारे में' 'ने पत्र लिखा है| उसका भी जवाब प्रार्थना में देते हुए बापू ने कहा : “में जो कुछ रोज कहता हूँ, वह सारा प्रार्थना का ही एक अंग है। मेरा तो जो छुछ है, सारा भगवान्‌ को समर्पित है। उस व्यक्ति ने भजन और प्रार्थना का रिकार्ड उतरवाने के लिए लिखा है | भजन और प्रार्थना का रिकार्ड जरुरत हो, तो ले सकते हँ। लेकिन भजनों के पीछे इन लड़कियों की भक्ति है| रेडियो पर तो अनेक रागदारियाँ




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