महाप्राण निराला | Mahapran Nirala

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
श्रेणी :
Mahapran Nirala by गंगाप्रसाद पाण्डेय - Ganga Prasad Pandey

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about गंगाप्रसाद पाण्डेय - Ganga Prasad Pandey

Add Infomation AboutGanga Prasad Pandey

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
( ३ ) जस्तब्यस्तता मं बाधा पहुंचाने का अपना स्वभाव में अब तक नहीं बदल सको ट्‌ । षड प्रयत्न से बनवार्ई रजा, कोट जैसी नित्य व्यवहार को वस्तुएं মী जब दूसरे ही दिन किसी अन्य का कष्ट दूर करने के लिए अन्तधान हो गई, तब अर्थ के सम्बन्ध में क्या कहा जावे जो साधन सात्र है। वह सन्ध्या भो मेरो स्मृति में विशेष महत्व रखतो हे जब श्रद्धेय मैथिकोशरण जो निराला जो का आतिथ्य ग्रहण करने गए । बगल में गुप्त जो के बिछोने का बंडल दबाये, दियासलाई के क्षण प्रकाश क्षण अन्धकार में तंग सोढ़ियों का सार्ग दिखाते हुए निराला जो हमें उस कक्ष में ले गए जो उनकी कठोर साहित्य-साधना का म्‌क साक्षी रहा हैं । जके पर कपड़े को जघ जलो बत्तो से भरा, पर तेल से खाली मिटटी काद्या मानो अपने नाम को सार्थकता के लिए ही जल उठने का प्रयास कर रहा था । यदि उसके प्रयास को स्वर मिल सकता तो वह লিহআ हो हमें, मिट॒टो के तेल की दुकान पर लगी भोड़ में सब से पीछे खड़े पर सब से बालिइत भर ऊचे गृहस्वामी की दीघं, पर निष्फल प्रतीक्षा की कहानी सुना सरता । रसोईघर मं दो तीनं अधजलो लकडियां, आंधी पड़ो बटलोई और खुंठो से लटकती हुई आठे की छोटो सी गठरी आदि मानो उपवास-चिकिन्सा कं काभों को व्याख्या कर रहे थे । वह आलोक रहित, स॒ख-स॒ुविधा-शन्य घर, गृहस्वाली के विद्याल आकार और उससे भी विशालतर आत्मीयता से भरा हुआ था। अपने सम्बन्ध में बेतृध निराला जी अपने अतिथि की सुविधा के लिए सतर्क प्रडरी है । वैष्णव अतिथि को सविधा का विचार कर वे नया घड़ा खरीद कर गंगाजल रू आए और धोती चादर जो कुछ घर में मिल सका सब खत पर बिछा कर उन्हें प्रतिष्ठित किया | तारों को छाया में उन दोनों मर्याद्यावादी और विद्रोही महाकवियों ने क्या कहा-सना यह मुझे ज्ञात नहीं, पर सबेरे गुप्त जी को ट्रेन में बेठा कर वे मुझे उनके सुखशयन का समाचार देता न भूले । খা ऐसे अबसरों की कमी नहीं जब त्रे अकस्मात्‌ पटच कर कहन




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now