कंटीले तार | Kantile Taar
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6 MB
कुल पष्ठ :
126
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)कंपीले तार १९
'मालुम पड़ता है कि सरकार तेरे विचारों से परिचित हो गईं है।'
मोना ने पूछा--क्यों ९
'तू ही न कहती थी हि सती जमनों को जेल में टू स देना चाहिए १?
तो इसमें नव्रीनता कौन-सी है १!
सरकार श्रव यही करने जारी हे)
क्या जमनो कोकेद् मँ डालने जा रही है?
ष्ठी! वे कहीं गड़बड़ न मचायें, इसलिए उन्हें नज़र केद की छावनियों
में पहुँचाने की व्यवस्था हो रही है ।'
'ब्रिलकुल ठीक है। बदमाश, जासूली करना चाहते हैं। परन्तु हाँ, वे
राज्य-कर्म चारी यहाँ क्यों आये थे १
परावर्नर ही उन्हें लाया था। उनका ख़याल है कि छाबनी के लिए
नोकालो से बढ़कर दूसरी ओर जगद्द नहीं ই)?
मोना क्षण-भर अ्रव।क हो जाती है और फिर कहती है --तो ऊभन लोगों
के लिए हमें अपनी जन्म-भूमि छोड़कर चला जाना होगा। हम यहाँ से
निकाल दिये जायगे क्या १
बूदा कहता है - ठीक ऐसी बात तो नहीं है। फिर जो योजना उसके
सामने रखी गई थी, उसे समझता है । वह और उनका कुटुम्ब्र भक्ते ही
वहीं रहें भर उनकी पहाड़ी पर की गोचर-भूमि भी वेसी ही रहे, परन्तु उन्हें
छावनियों को दुध देना होगा ।
মার जर्मनों को जीवित रखने के लिए हम काम करें | भौर उनक्रे
भाई हमारे युवकों को फ्रान्स भौर जम॑नो के मंदान में मारते रहें । ना यह
कभी नहों हो सकता ।*
उसके पिता को चाहिए कि वद्द बिलकुल मना कर दे ।
'डिल्ञकुक् मना कर देना (? जब तक ज़मीन का खाता ख़तम नहीं दो
जाता, ज़मीन उनकी है ओर वे सना कर सकते हैं । कह देना गवनर को कि
छावनी के लिए अन्य कहीं ज़गह तल्लाश करें।
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