मुश्तरका खान्दान | Mushtarka Khandaan

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Mushtarka Khandaan by चन्द्रशेखर शुक्ल - Chandrashekhar Shukl

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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मित्राक्षरालों के अमुसा ५ ~---~~-~-~-~--~--~--~-~^-~---------------~~-~ ~~ 8 य 1 नावालिगरकी जायदादपर वटी - जव किसी खानदानक्रा कोई सदस्य नाबालिस हो, और उसकी जायदादपर क़ानूनके अछुसार वली सुक़रंर किया गया दो, उस सूरतमे यदह कहना कि नाबालछिश मुझइतरका खानदानका सेम्बर नहीं रहा, एक विल्कुल नया सिद्धान्त है. | हरीमोहन घोष बनाम सुरेन्द्रनाथ मित्र 41 ¢ 1, ¶ 585, 88 1. 0, 10४6, 4.1. ए. 1925 0ध्‌. 1158. दफा ५ भेम्बरोंके हक़ मुश्तरका जानदानकी जायदादमें मेम्बरोंके हक़ हर एक स्कूलके अजु- सार भिन्र भिन्न होते हैं--वेगाल स्कूल-“अगर जायदाद बज्ञाल स्कूलके तावे है,तो लड़कोंको चापकेजीते जी मौरूसी जायदादमें कुछभी दृक़ नहीं है । चह जायदाद वापके पास पूरे अधिकारों सहित रद्दती है। बापको कुल जाय- दादके बेचनेका पूरा दक्त प्राप्त है--( दफा ४६२-४६४ ), वद्भालमें अगर याप, बिना किसी बसीयतके मर जाये, तो उसके रूडके जायदादमें दक्त उत्तराधि- कारके ुसार प्राप्त करते हैं। परन्तु अगर जायदाद मिताक्षरा स्कल বাই হী तो दूसरी शकल होगी, देखो दफा १६-१७. किसी मेम्वरकी, किसी खास हिस्सेपर उसके अधिकारके घोषणाफी नालिश तव तक नदीं हो सकती, जव तक वरवारेका दावा न किया ज्ञाय। -रमस्वरूप वनाम सु० कटोखा 881 0 297 + 1 ‰ 1925 ^| 211, दिस्सेदारकी स्वीका भरण पोषण बतौर फ़जके माना जायगा--हिन्दू- ङि सचे ्रमिप्रायसे यद्‌ विदित होता है कि मुश्वरका खानदानक्रे हिस्से. दासी स्त्रिया भी सुदतरका ख्रानदानकी मेम्बर होती हैं चाहे उन्हें जाय- दादमें हिस्सा बढाने या वटवारा करानेका अधिकार न हो। यद्यपि हिन्दू- लॉ, हिन्दू पतिपर, विना किसी जायदादके दृवालेके जो उसके अधिकारमें हो, जबकि मुइतरका खानदानके क़ब्जेमें,जायदाद दो, अपनी सरुचीकी परव- रिशका भार रखता है, ताहम स्त्री द्वारा पतिके खिलाफकी हुईं नालिश केवलं ऐसी नालिश न समझी जानी चाहिये, जो कि व्यक्तिगत पतिके खिलाफ हो किन्तु वह सही रीतिपर समस्त खानदानके खिलाफ नालिश है । - यह भी तय हुआ कि इस वातके माननेके लिये कोई कारण नहीं है' कि परवरिशकी वाक़ी जो किसी सत्रीको अपने पतिसे पाना हो, फ्यों हिन्दू- लॉके अनुसार, जो फेवल ग्रेर अदा की हुईं पावन्दीका ध्यान रखता है' और जिसके तथा क़् या द्वानिके मध्य कोई अन्तर नहीं है क्रम न समझा जाय ? शी राज़ा वोस्मा देवरा राजलक्ष्मी वनाम नागन्ना नायडू ४1 1, फ, 4७], 97 1, 0, 81, 3, 1. 1 1920 1400, 757,




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