हिंदुस्तान की पुराणी सभ्यता | Hindustan Ki Purani Sabhyata

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
श्रेणी :
Hindustan Ki Purani Sabhyata by बेनी प्रसाद - Beni Prasad

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about बेनी प्रसाद - Beni Prasad

Add Infomation AboutBeni Prasad

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
हिन्दुस्तान की पुरानी सभ्यता । पहिला अध्याय । प्रारम्भ । यो तो सारा इतिहास प॒क्र हे पर पढ़ाई की खुगमता के लिये अन्य देशों की तरह हिन्दुस्तान के इतिहास हिन्दुस्तान का इतिहास के भी तीन भाग किये লা सकते हें--एक तो प्राचीन, जो बहुत ही पुराने समय से लेकर बारहवीं ईस्वी सदी तक रहा; जिसकी सभ्यता की परम्परा कभी टूटने न पाई; जिसके धम॑, समाज, राजनीति, साहित्य, कला की धाराए' सारे देश मे अपने ख़ास ढंग से बेखटके चलती रहीं और जिसके संगठन के मूल सिद्धान्तों को फ्रिसी भारी आपत्ति का सामना न करना पड़ा । बारहवीं सदी मे यह स्थिति बदल गई, उत्तर-पच्छिम से नई जातियां, नया धर्म, नई सभ्यता श्राई' जिन्हों ने देश की राज़नेतिक अवस्था बिल्कुल बदल दीं, जिन्होंने समाज पर भी बहुत असर डाला ओर भाषा साहित्य कला के मार्गों का बदल दिया । इस वक्त स माध्यमिक भाग प्रारंभ होता है जो अठारहवीं सदी तक रहा । पुरानी सभ्यता के बहुत से सिद्धान्त ओर तत्व इस काल में भी मोजूद थे; देश के सब ही हिस्सों में उन्होंने बहुत सा विकास भी पाया पर नई शक्तियों ओर प्रभावों




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now