श्री पद्म पुराण जी भाषा वचनिका | Sri Paddh Puran Ji Bhasa Vachnika

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Sri Paddh Puran Ji Bhasa Vachnika  by श्रीमद रविषेणाचार्य - Shrimad Ravishenacharya

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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विषय विष-विनाशो भूरि भाषा निवासो हत भव-भय-पाश कीर्ति-वल्ली निवास । शरण सुख निवासो वर्तसपूरिताशो जयति जगति चद्रो वर्द्धमानो जिनेद्ध ॥६॥ मद मदन-विहारी चारू चारित्र धारी नस्कगति निवारी मोक्षमार्ग प्रसारी । नृ सुर नयनहारी केवलज्ञान धारी जयति जगति चद्रो वर्द्धमानो जिनेन्द्र. ॥७॥ वचन रवन धीर. पाप धूली समीर. कनक-निकर गौर्‌ क्रूर कर्म्मारि शूर. । कलुष दहन नीर पालितानन्त वीरो जयति जगति चद्रो वर्द्धमानो जिनेन्द्र आचार्य श्री विमलसागरजी की हिरक जयन्ती पर सादर नमन कुमार जैन धर्मपली सरला जैन फर्म राजीव टेक्स्टाईल्स राजीव जेन धर्मपत्नी अन्जु जैन कपड़े के थोक व्यापारी पौत्र गौरव जैन महावौर बजार कटर शाहन शाही जी १४१८ चित्तरन्जन पार्क चादनी चौक दिल्ली कालकाजी दूरभाष ३२७६८१७ नई दिल्ली ११९ १९ निवास ६४३९२८७ १३




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