मिनख नै समझावनौ दोरौ है | Minakh Ne Samjhawano Dorau Hai
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
467 KB
कुल पष्ठ :
89
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about नारायणसिंह भाटी - Narayan Singh Bhati
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)ভালে অসলবা
आस निरास
सांस उसांस
वरसो वरस
उठे
वासना ज्वाढ
अरत आखती
अजक वासना
স্ব होछका
कुरे
ভরত दद
जीव पेठाद
खोले विलमाय
होमीतै ভুত
धकं
সম আনম
ভ্ান্ত কান্ত
घोम लीला
डे पीठा
पण
पेठाद पतंग
ঘাম प्रसून
उठ ठे
नवछ बरस री वांह्-गन 1
(17)
User Reviews
No Reviews | Add Yours...