केशवी जातक | Kasavi Jatak
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6 MB
कुल पष्ठ :
327
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)। श्रीः ४
केशवीजांतकम् ।
भाषोदाहरणसहितम् ।
সিসিক শে
स्पष्टाघ्याय १.
अथ मट्टलाचरणम 1
नत्वा विध्पशारदाच्युतशिवत्रह्मार्क सुस्यग्रहान्
कुर्वे जातकपद्धति स्फुटतरं ज्योतिविदा प्रीतये ॥
यंत्रः स्पएतरो5च जन्मसमयो पेद्योडच खेदाः स्फुटा
यत्पक्षे हि घटन्त उद्ठम इहास्तक्षे सपड़ः हु च ॥ १ ॥
दैरम्बोऽम्बाय पेधोहपिपद्युपतयो भास्कराय ग्रहा ये
पेते लोकपाटा अय द्दा गदिता दिक्पा ये महान्तः ॥
मेषाद्या राद्ययश्चाश्वियुखपुखवरा याश्च नक्षत्रतारा
योगा विष्कम्भकायाः सफलमुखराः पांतु मामत्र कृत्पे ॥ १ ॥
সুমি ধহাব नत्वा केशवीनातकं स्फुटम् ॥
जगदाशः प्रकुरुत जगदीशानुफम्पया शाउफम्पया ॥र॥
ˆ अन्वयः~अहं केशाचा्ः नातकषदतिं कुदे करोमीत्पर्थ: । कि रूखा
विप्रपशारदास्य॒तशिवनरहयाकेसु्पग्रहा्नवा।किंरिरिष्ं जातक्पदतिं, स्फुट -
तरामू, अतिशयेन स्फुटेति स्फुटवरा तां स्फुटतरामू । किमथैमू { ज्योतिरपि
भरीतपे ज्योतिषं विशन्ति जानन्ति येते ज्पोतिर्विदस्तषां प्रीतये । भवर ज्योति
श्शब्धेन भिस्कन्पी ज्ेयः, गणितसंहिताजातकरुपमित्पर्थ:। होराविदामित्पर्थे
ये ज्योपिरविःसते पएतदयोराशासविदो भवत्येवेति शम् । सग्धरात्रचम् ॥ १ ॥
भाषा-गणपति, सरस्वती, विष्ण, शिय, बन्चा और सूयोदि नब-
ग्रह॒ इनको नमस्कार फरके उपोतिधिदके संतोपा्थं यह सट जातक-
पद्धति नामक थय फले ह 1 इसमे जन्मङाटघरी, शीङ, चक्त, फलक
इत्पादि यंत्रोसे सूक्ष्म रीविस লালা জী হয়ই সিম पक्षके प्रत्यक्ष होय
उप्र पक्षके महलाघवरीत्या लेना। जन्मकालीन लग्म सवदेशीय उदपसे बनाता.
অনন্বৃজৌ ख्य भवे उम ६ राशि नोड देना पो सपममाद होता र॑ `
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