अन्तर्वेदना | Antavaidna

Book Image : अन्तर्वेदना - Antavaidna

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about पुरुषार्थवती - Purusharthvati

Add Infomation AboutPurusharthvati

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
परिचय हिन्दी साहित्य और हिन्दी कविता के लिए यह एक अत्यन्त दुभोग्य की बात हे कि एक उदीयमान बाला-कवियित्री का स्वगंवास हो गया है । एक अधखिली कली अपना सौन्दय ओर खुरभि प्रकट किए बिना ही मुरभा गई ! हिन्दी कविता के जगत में कुमारी पुरुषार्थवती का नाम कोई अज्ञात नाम नहीं हे । यह सच हे कि वह अभो तक बहुत अधिक ख्याति प्राप्त नहीं कर सकी थों | परन्तु इस ' होनहार बिरवा ' के सम्बन्ध में कवि-समाज में पर्याप्र दिलचस्पी उत्पन्न हो चुकी थी | और लोगों को उमीद थी कि यह कुमारी एक दिन हिन्दी साहित्य का मुंह उज्ज्वल करेगी | पुरुपाथवती जी अव कुमारी नहीं रही थी। कुछ ही समय पुवं उन का विवाह श्रीयुत चन्द्रगुप्र विद्याटंकार से हुआ था | आशा थी कि इस साहित्यिक युगल ভ্াহা হাছুলানা दिन्दी की अनुपम सेवा होगी । सन्‌ १६३० के अगस्त मास में काश्मीर की सुमनोहर धारी में, जब इन दोनों साहित्यिकों,--- कहानी टेखक ओर कवियित्री-का विवाह धूम-धाम के साथ हो रहा था, तब बहुत से साहित्य सेवी वहां एकत्र हुए थे। सब एक स्वर से यही कह रहे थे कि यह जोडी किसी दिन हिन्दी संसार का मुख उज्ज्वल करेगी। परन्तु प्रारमस्भिक-निशीथ




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now