भारतीय विदेशी व्यापार में विश्व व्यापार संगठन का योगदान | Role Of World Trade Organisation In External Trade Of India
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
54 MB
कुल पष्ठ :
639
श्रेणी :
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No Information available about संजय कुमार श्रीवास्तव - Sanjay Kumar Shrivastav
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)करने एवं उच्च जीवन स्तर को सम्भव बनाता ই जो
अन्तराष्ट्रीय व्यापार के अभाव में सम्भव नहीं होता।??
संक्षेप में विदेशी व्यापार का महत्व श्रम विभाजन,
सस्ती कीमत पर उपभोक्ता वस्तुओं की प्राप्ति, कच्चे माल
को उपलब्धता, प्राकृतिक संसाधनों का समुचित प्रयोग,
संकटकालीन परिस्थितियों में सहायता, तीव्र औद्योगिक विकास,
विदेशी प्रतिस्पर्धा के लाभ, बाजार का विस्तार, रोजगार अवसर्रों
का सृजन, सास्कृतिक सम्बन्ध तथा अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग आदि
की दृष्टि से है। अब हम यहां पर भारत के विदेशी व्यापार की
विवेचना मुख्य रूप से विदेशी व्यापार की मात्रा, विदेशी व्यापार
की संरचना एवं विदेशी व्यापार नीति के संदर्भ में करेंगे।
भारत में विदेशी व्यापार : एक ऐतिहासिक विवेचन
भारत में अत्यंत प्राचीन काल से ही विदेशी व्यापार
का प्रचलन रहा है। इतिहास के अभिलेख यह प्रमाणित करते
हैं कि ईसा से 1100 वर्ष पूर्व भी भारतीय व्यापारी दूर-दूर
तक वस्तुओं का आदान-प्रदान करते थे। अनेक स्थानों पर
खुदाई करके प्रुरातत्ववेत्ताओं ने यह प्रमाणित किया है कि
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