नन्हे आर्थर का सूरज | LITTLE ARTHUR'S SUN

LITTLE ARTHUR'S SUN by अरविन्द गुप्ता - ARVIND GUPTAपुस्तक समूह - Pustak Samuhहैडजेक गुलनजरयान - HADJAK GULNAZRAYEN

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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पतझड़ की हर सुबह मां पिताजी से कहतीं, “ “जाओ बाज़ार से कुछ सेब और अंगूर ले आओ-- देखो आर्थर को अब “विटामिनों! की ज़रूरत है।'' तब पिताजी बाज़ार जाते और वहां से कुछ सेब, नाशपाती, अनार और साथ में और बहुत कुछ ले आते। कट नन्हे आर्थर को तभी तो पतझड़ से इतना गहरा प्रेम ' 1 था। के लय ्प-- दादी को नहीं। दादी को “विटामिनों” की ज़रूरत नहीं (छह 2222 थी। बड़ी उम्र के लोगों का अक्सर विटामिनों के बिना ही हा है... कक काम चल जाता है। बड़े लोग आडू, अंगूर और नाशपाती खाते अवश्य हैं। परंतु वह उन्हें सिर्फ अपने मज़े के लिए खाते हैं। बड़ों के लिए तो वह केवल आडू, अंगूर और नाशपाती होते हैं, न कि “विटामिन !। जिएटाप् ब्रपापाओ] 1071? ॥6 एफ0णप्रांत 58५ 10 थि९: ८४0०9, 20 916 9प्रफ $0176 [70125 210 219[02$: 116 ०1110 7९९68 शाॉश्रा115. शव फ़्वाल' ए़र0प10 20 10 16 ॥9भ्य)76 ॥14 9छपजर 5016 2[10105, [0०25, [0ण16श/419/05 310 ॥रपरटी 0251065. 11116 4ीप्रा' ए३5 ०४९०९८का९[ए 1010 0 4पॉपा॥. 1० (06, (76 00101680 जध्रा115$. (10ए91- प्$ एथालाबाीए तांत 10 $९९॥ 10 1९60 शॉक्रा115. (710ए11- प[0$ 5९1०१ 10 ९४६ 0०38०1॥९5, ९19[005$ ात 9९.15 [प्र 107 116 पि1 011. 458 थि। 35 16ए एछाट ९८01९2८11९१, 11९9 फ़छा८ 119 928०॥९5, 279[005 भाव 9९45, 210 101 शाक्षाय15 4 21.




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