चार्ली की दास्ताँ | CHARLIE CHAPLIN KEE DASTAN
श्रेणी : बाल पुस्तकें / Children
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
522 KB
कुल पष्ठ :
32
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक समूह - Pustak Samuh
No Information available about पुस्तक समूह - Pustak Samuh
विनोद कुमार - Vinod Kumar
No Information available about विनोद कुमार - Vinod Kumar
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)16
बनाएंगे, क्योंकि यह मानवता के हक में और युद्ध के खिलाफ है।
चार्ली द ग्रेट डिक्टेटर के माध्यम से हिटलर के सम्मोहनकारी चेहरे के
पीछे छिपी क्रूरता को दुनिया के सामने लाना चाहते थे। फिल्म-निर्माण
के दौरान दुनिया के कई कोनों से उन्हें धमकी भरे खत मिल रहे थे।
कोई स्टूडियो पर बम फेंकने की बात कर रहा था, तो कोई थिएटर
जलाने की।
उन्होंने इस फिल्म में तानाशाह हाइन्केल और एक यहूदी दर्जी
दोनों का किरदार निभाया। इसमें हिटलर का खूब मजाक उड़ाया गया।
फिल्म में छोटा-सा दर्जी हाइन्केल की जगह लम्बा भाषण देता हे
जिसमें वह सेनाओं से कहता है, “विवेक से काम लो। हमें विवेक से
परिपूर्ण दुनिया बनाने के लिए लड़ना चाहिए। ऐसी दुनिया जिसमें
विज्ञान और प्रगति से मानवता की खुशहाली की दिशा में मार्ग प्रशस्त
हो। सैनिको, हमें जनतंत्र के नाम पर संगठित होना चाहिए।” फिल्म को
अमेरिका में सराहा गया, लेकिन चार्ली ने इसमें जो कुछ भी कहा था
उस पर कई लोगों को भारी ऐतराज था। उनके अनुसार, फिल्म के
अन्त में कही गई बातें कम्युनिज्म का समर्थन करती हैं।
द ग्रेट डिक्टेटर का आखिरी भाषण
मुझे माफ कीजिएगा, मैं कोई सम्राट नहीं बनना चाहता। यह मेरा
काम नहीं है। मैं किसी पर शासन करना या किसी को जीतना नहीं
चाहता। मैं हर किसी की- यहूदी, जेंटाइल, काले-सफेद सबकी- हर
संभव सहायता करना चाहता हूँ” हम सब एक-दूसरे की सहायता
करना चाहते हैं। आदमी ऐसा ही होता है। हम एक-दूसरे की खुशियों
के सहारे जीना चाहते हैं; दुखों के सहारे नहीं। हम आपस में नफरत
और अपमान नहीं चाहते। इस दुनिया में हर किसी के लिए जगह हे।
यह प्यारी पृथ्वी पर्याप्त संपन्न है और हर किसी को दे सकती है ।
जिंदगी का रास्ता आजाद और खूबसूरत हो सकता है, पर हम वह
रास्ता भटक गए हैं। लोभ ने मनुष्य की आत्मा को विषैला कर दिया
है” दुनिया को नफरत की बाड़ से घेर दिया है” हमें तेज कदमों से
User Reviews
No Reviews | Add Yours...