दो सखियाँ | DO SAKHIYAN

Book Image : दो सखियाँ  - DO SAKHIYAN

लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :

पुस्तक समूह - Pustak Samuh

No Information available about पुस्तक समूह - Pustak Samuh

Add Infomation AboutPustak Samuh

सुभद्रा कुमारी चौहान - Subhadra Kumari Chauhan

No Information available about सुभद्रा कुमारी चौहान - Subhadra Kumari Chauhan

Add Infomation AboutSubhadra Kumari Chauhan

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
+तो क्‍या का माँ को तो दिन द मुन्‍्नी की खिचड़ी अलग ही पक रही थी ६02 -प आजकल सोच रह 15 न , | . थ रण शक न ४ की कि व | डे + ड््उ कल ब्रै ध् फितना जा होगा पिता ूः की ला श > 901 «मैं बे है. बुरा जा बढ | सअ है न क ए छा ! | न म |; ही ही व हें गूछ.. ०४««-----मनी न ५1६ को. 11 * व विवाह ् की फिकर ' फ््ज़ भी गा लिखा ए॒या है।। उसके विवाह की किए ६. 3, 5 कप प अब ्अ | प उसका -> 6 7 विवाह |! ० ४ विवाह | « के < ू बाद ह रामी री पिता पता ने आश्वासन के स्वर रर॒ 61: पड़ेगी ० कष्ट उठाया है। अब वे बूढ़ी हो चलीं। < वर अब कर्क उन्हें अधिक आ। दि




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now