छत पर फँस गया बिल्ला | CHAT PAR PHANS GAYA BILLA

CHAT PAR PHANS GAYA BILLA by पुस्तक समूह - Pustak Samuhविताउते जिलिन्स्काइते - VITOUTE JILISKANTEसंगमलाल मालवीय - SANGAMLAL MALVIY

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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रोबोट और तितली <णा॥/ गन जन | ; रोबोट प्रदर्शनी हॉल के बिल्कुल कोने में खड़ा था, लेकिन भीड़ उसे हमेशा घेरे रहती थी। यूँ तो वहाँ वैज्ञानिक चमत्कार की बहुत-सी चीजें थीं। पर रोबोट का एक : प्रमुख आकर्षण था। सभी तरह के छोटे-बड़े दर्शक कई-कई बार उसे देखने आते। ओर . उसके हिलते हुए भारी लौह हाथों, बड़े-से चौकोर सिर और उसकी आँख को मद्धिम नारंगी रोशनी को एकटक निहारते रहते थे। रोबोट अपने विशाल हाथों और सिर को घुमाने के अलावा पूछे गये प्रश्नों के उत्तर भी दे सकता था। लेकिन सभी तरह के प्रश्नों का उत्तर दे पाना उसके लिए सम्भव न था। वह केवल उन्हीं प्रश्नों के उत्तर देता था, जो प्रश्न-तालिका में एक निश्चित क्रम में




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