हमें अंतरिक्ष के बारे में कैसे पता चला | How Did We Know About The Universe

Book Image : हमें अंतरिक्ष के बारे में कैसे पता चला  - How Did We Know About The Universe

लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :

आइज़क एसिमोव -Isaac Asimov

No Information available about आइज़क एसिमोव -Isaac Asimov

Add Infomation AboutIsaac Asimov

पुस्तक समूह - Pustak Samuh

No Information available about पुस्तक समूह - Pustak Samuh

Add Infomation AboutPustak Samuh

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
बिली ले हिटलर की स्ेंच से नफल से भर गया और उसने ुलत जर्मनी छोड़ दी। बर्नर वॉन ब्रॉन, हालांकि पीछे रुक गया और उसे हिटलए कक लिए रॉकोट पर फाम करना चाह्यू कर दिया। 1936 में बाल्टिक सागर के तट पर उत्तर पूर्व जम॑नी में एक गुप्त जगह बनाई गई जहां रॉकेट के प्रयोग हो सके। बहुत से सरकारी धन से ब्रॉन आगे बढ़ने लगा। 1938 तक वह 17 किलोमीटर उड़ने वाले गैकेट बनाने लगा था। अगले साल यूसोप में दितीय विश्व युद्ध चालू हो गया था और वह हिटलर का विचार था क्रि ब्रॉग मिसाइल बनाए, यानी ऐसे रॉकेट जो वस्फोटकों को सैंकड़ों किलोमंटर दूर, शत्रु के इलाके में सहो निशने पर ले जा सकें। वे इतना तेज चलेंगे कि एंगी-एगरक्रापट गन (विसातों को उड़ाने वाली तोपें) उन्हें उड़ा नहीं सकगी। ऐसा पहला शस्त्र एक स्वचालित यान था जिसका नाम ४-1 था। ४ अक्षर था ४0६७७ के लिए! यह ज्मंन शब्द है, जिसका अर्थ है- बदला। 1944 तक ऑन ने और थी बेहतर चिसाइल नया लिया था। यह एक असली रॉकंट था, जो ध्वनि से भी तेज गति से चलता था । वह था ४-2 रॉकेट कुल मिलाकर 4300 ४-2 रॉकंट जमंतरों द्वात छोड़े गए. जिसमें सै 1290 ने लंदन शहर पर मार कौ। इन विसाइलों ने 251। अंग्रेज लोगों को मार और 5869 दूसरों को गंभीर रूप से घायल किया दुनिया की किस्मत से, ४-2 राकंट हिटलर को बचाने के लिए बहुत देर से आए। जब थे रॉकंट उड़ना शुरू हुए तब वह पहले ही युद्ध झरने लग गया था और ये उन सेनाओं को भगाने के लिए काफी नहीं थे जो उसे चारों और से घेर चुकी थीं। 8 मई, 1945 को जर्मनी ने आत्मसमर्पण कर दिया। गौडर्ड ने इतना जीवन पाया कि वह ४८2 राकेटों को चलते हुए देख सके। वह 10 अगस्त 1985 को मरा ख गा ॥:2 रॉकेट एक चीज जो ४-2 रुँकंटों ने कौ वह यह कि अपरीका और सोवियत संघ दोगों कौ रॉकेट में रुच पैदा कर दी। आखिरकार ये दोनों देश एक-दूसरे से डरते थे और जितने ज्यादा हो सक॑, हथियार जुटाना जाहते थे। हर देश ने इसलिए जर्मनी क॑ रॉकेट विशेषज्ञों को पकड़ने की कोशिश की, जब उनकी सेनाएं जमनी में घुसों। अमरीका ने वान च्रॉन को हो पकड़ लिया। दोनों देशों ने फिर ज्यादा बड़े और बेहतर मिसाइल चचाने के लिए कड़ी मेहनत की। 1950 तक पुराने ४-2 नए बनने बाले राक्षसी मिसाइलों के समने केवल खिलौने रह गए थे। आखिरकार अमरोका और सोवियत रूस दोनों क॑ पास ऐसी मिसाइलें थीं जो पृथ्वी की फिली औ जगह पर मार कर सकती थीं। वही नहीं, ये मिसाइलें केबल ४८० की हरह साधारण विस्फोटक ही नहीं ले जा सकती थीं, बल्कि जे एटम बम ले जाने वालो थीं। दोनों देशों क॑ पस अब ऐसे हथिवार थे जो इन दोनों का खात्मा कर सकते थे और शायद बाकी पूरे विश्व का भी। अब्श्य ही जे 2




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now