जन-कहावतें | JAN KAHAVATEN

JAN KAHAVATEN by तपोश चक्रवर्ती - TAPOSH CHAKRAVORTYपुस्तक समूह - Pustak Samuh

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तपोश चक्रवर्ती - TAPOSH CHAKRAVORTY

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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जिस कालीन पर अलीबाबा और जिनन्‍न उड़ते थे वह दुनिया के सर्वोत्तम कालीनों की तरह फ़ारसी कालीन था। फ़ारस की ज़मीन जिसे आज ईरान कहा जाता है, प्राचीन समय से ही एक दुर्जेय राज्य था। और समय-समय पर यूनानियों , मिश्रियों , बेबीलोनवासियों , रोमनों , मंगोलों , अंग्रज़ों और अमेरिकनों को इसे स्वीकार करना पड़ा है। फ़ारस ने मानवजाति को आड़, ईंट बनाना, शराब बनाना, विंडमिल (पवन चक्की ), फ़ारसी पहिया, कालीनें, और चायघर की संस्कृति तथा शहरों में स्थाई बाज़ारों का विचार दिया है। इस ज़मीन ने फ़िरदौसी, रूमी, सादी, हाफ़िज़, अत्तर, निज़ामी और ख़य्याम जैसे कवियों के साथ दुनिया की सबसे अच्छी कविता दी है। यह प्राचीन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, गुंबदों और टाइलों वाली वास्तु-शैली की ज़मीन है जिससे ताजमहल का जन्म हुआ। यह अग्निपूजकों , जरथुस्त्र, रुस्तम और सोहराब, तथा अयातुल्लाओं की ज़मीन है। 1. जो गुलाब चाहता है उसे कांटों की इज़्ज़त ४ ३ (/ए करनी चाहिए (7, ँ ' 2. सबसे प्यारे चेहरे चांदनी रात में दिखते हें ' जब आधा आंखों से और आधा कल्पना से है देखा जाता है। हा 3. सांप पकड़ने के लिए अपने दुश्मन का हाथ इस्तेमाल करो। 4. डूबते आदमी को बरसात की फ़िक्र नहीं होती। 16




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