बिनी के जानवर | BENNY'S ANIMALS

BENNY'S ANIMALS by अरविन्द गुप्ता - ARVIND GUPTAपुस्तक समूह - Pustak Samuhमिल्लिसेंट सेल्सम - MILLICENT SELSAM

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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बिनी ने पूछा, “आपका मतलब है कि रीढ़ को हड्डी वाली गड्डी को पांच ढेरियों में बांटने के बाद हम इन ढेरियों की और छोटी-छोटी ढेरियां भी बना सकते हैं? प्रोफेसर वुड ने कहा, ”हां बिल्कुल, दुनिया में लगभग 17,000 किस्म की मछलियां हैं और हजारों प्रकार के जलथली, सरीसृप, पक्षी और स्तनपाई प्राणी हैं। प्रत्येक समूह को और छोटे गुटों में बांटा जा सकता है |” बिनी ने कहा, “मुझे लगता है कि यह सब करने में बहुत समय लगेगा । प्रोफेसर ने कहा, | “तुम चाहो तो इस काम में अपना सारा जीवन बिता सकते हो। मैंने तो सारी ज़िंदगी यही किया है| “सारी जिंदगी।' बिनी ने आश्चर्य के साथ कहा। “यकीन नहीं होता! जौन चिल्लाया | “हां,” प्रोफेसर वुड ने कहा, “परंतु तुम्हें इसमें सारी ज़िंदगी खपाने की ज़रूरत नहीं है | तुम्हारी रुचि केवल मुख्य समूह जानने तक ही सीमित है। और सभी अलग-अलग, छोटे समूहों को जानना भी उतना ज़रूरी नहीं है।” “फिर सबसे ज़रूरी कया है?” बिनी ने पूछा । प्रोफेसर ने कहा, “देखो तुम लोग जानवरों के एक समूह को दूसरे से अलग करना सीख रहे हो | “यह तो ठीक है, बिनी ने कहा। _........नपतनभपपपपैपैपै।ण 29




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