कोहकाफ का बंदी | KOHKAF KA BANDI

KOHKAF KA BANDI by पुस्तक समूह - Pustak Samuhलेव टॉलस्टॉय - LEV TOLSTOY

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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“और अब्दुल मुराद को दे दिया,” काले तातार की ओर दिखाया, “अब अब्दुल मुराद तेरा मालिक है।” झीलिन चुप बैठा रहा। अब्दुल मुराद बोलने लगा, बार-बार झीलिन की ओर दिखाता रहा और हंसता रहा, बोला : “उरूस सिपाही, अच्चा उख्स”। दुभाषिया बोला : “वह कहता है तू घर चिट्ठी लिख, ताकि तेरे बदले पैसे भेजें। जब पैसे आ जाएंगे, तो वह तुझे छोड़ देगा।” झीलिन कुछ देर सोचता रहा, फिर बोला : “कितने पैसे चाहता है?” तातार बातें करने लगे; दुभाषिया बोला : “तीन हजार सिक्‍के |” स स्का )ै . 1 4 47... (0.1 [1




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