पुराना पेंटर और नयी कलम | PURANA PAINTER AUR NAYEE KALAM

PURANA PAINTER AUR NAYEE KALAM by पुस्तक समूह - Pustak Samuhश्रीलाल शुक्ल - Shrilal Shukl

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श्रीलाल शुक्ल - Shrilal Shukl

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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86/11/2016 दिखा रहे हैं।?' इस बार जिस अंदाज से उन्होंने झुक कर छाती पर हाथ रखा और अकड़ कर मूँछों से हँसी की फुलझड़ी बिखेरी, उससे मुझे इत्मीनान हो गया कि प्रोफेसर पन्‍नालाल की आर्टिस्टी निशात थियेटर कंपनी के पर्दों के ऊपर तक ही नहीं, कभी-कभी पर्दे के आगे स्टेज पर भी खिसक आती रही होगी। मैंने अपनी नासमझी मान ली और उनसे माफी माँगी। उन्होंने मुझे माफ कर दिया और मेरी वंश-परंपरागत विनम्रता की प्रशंसा की। शीर्ष पर जाएँ 44




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